महाशिवरात्रि हिन्दु धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के याद में भी मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार
यह पर्व हिन्दू पंचांग के फागुन मास शुक्ल पक्ष कीचतुर्थी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा, अर्चना, और ध्यान किया जाता है।
इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं, तथा सोभाविक रूप से पूजा अर्चना करते है। पुरे भारत वर्ष या अन्य जगहों पर शिवलिंग के ऊपर जला भिषेक करते है। विशेषकर जहाँ जहाँ ज्योतिर्लिग के ऊपर ऊपर जल अर्पण के लिए लम्बी कतार बनीं रहती है
महाशिवरात्रि के दिन विशेष प्रार्थनाएँ, मंत्रों, और भजनों की अर्चना की जाती है। यह त्योहार शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है जब वे अपने भावनात्मक और आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करने का प्रयास करते हैं।
8 मार्च महाशिवरात्री हिन्दु धर्म के अनुसार महत्व शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होती है , किन्तु श्रद्धालु के लिए पुरे दिन और रात भोले शंकर की पूजा के लिए बराबर होती है।
कुछ प्रमुख मंत्र और प्रार्थनाएँ:
- ॐ नमः शिवाय: (Om Namah Shivaya): यह मंत्र शिव को समर्पित है। इसे ध्यान के साथ जपने से शिव की कृपा मिलती है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ (Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam Urvarukamiva Bandhanan Mrityormukshiya Maamritat): यह मंत्र रोग नाशक और मृत्यु के प्रति मुक्ति के लिए प्रार्थना करता है।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa): यह चालीसा शिव की महिमा का वर्णन करती है और उनकी प्रशंसा करती है।
- महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra): यह मंत्र रोग और मृत्यु के खिलाफ रक्षा करने के लिए प्रार्थना करता है और जीवन की सुरक्षा के लिए उत्तम माना जाता है।
@Expressupdate अपने पाठकों को महाशिवरात्री की बधाई देता है।
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