death anniversary of atal bihari vajpayee

16 अगस्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि पर आज देश के गण्यमान्य नेता वाजपेयी जी की समाधि ‘सदैव अटल’ पर प्रार्थना सभा में शामिल हुए। 

16 अगस्त 2024 की सुबह नरेन्द्र मोदी प्रधान मंत्री समेत, जेपी नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित मंत्रिमंडल के गणमान्य सभी नेता समाधि ‘सदैव अटल’ पर प्रार्थना सभा में शामिल हुए। वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य भी उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने ‘सदैव अटल’ पहुंचीं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी को श्रद्धां के फूल अर्पित करने के लिए  ‘सदैव अटल’ स्मारक पर मौजूददिखे।

ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी दशकों तक भाजपा का चेहरा रहे और वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।वो जब तक रहे सदैव जनता  के दिलों पर राज करते रहे।

16 अगस्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि, याद करें उनके कुशल नेतृत्व को

भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया, “पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, हमारे प्रेरणा स्रोत, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।” केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पूर्व पीएम वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी

और कहा कि एक प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने समाजिक और आर्थिक तरीके से एक कुशल नेता के रूप में मजबूत किया।

अमित शाह ने ट्वीट भी किया, “जब भी देश राष्ट्रहित के प्रति निष्ठा और राजनीतिक शुचिताके तौर पर सिद्धांतों के प्रति अडिगता की बात को कभी नहीं भूली जा सकती है, अटल जी को याद किया जाएगा। एक ओर उन्होंने भाजपा की स्थापना के माध्यम से राष्ट्रहित की विचारधारा को लोकप्रिय बनाया, वहीं प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश को सामरिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया। भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”

16 अगस्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि, जीने की कला समाजिक रूप में:

वाजपेयी जी कुशल नेता के साथ साथ एक साहित्यकार भी थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। यहाँ उनके कुछ प्रमुख अच्छे कामों का उल्लेख है:

  1. पोखरण परमाणु परीक्षण (1998): वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया, जिससे भारत विश्व में एक परमाणु शक्ति के रूप में उभर कर सामने आया।
  2. स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना: उन्होंने देश के चार प्रमुख महानगरों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता) को जोड़ने वाली सड़क परियोजना, स्वर्णिम चतुर्भुज, की शुरुआत की। यह भारत में सड़क परिवहन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था।
  3. आर्थिक सुधार: वाजपेयी के नेतृत्व में कई आर्थिक सुधार किए गए, जिनसे भारत की अर्थव्यवस्था को बल मिला। विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया गया और आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया।
  4. शांति प्रयास: वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के प्रयास किए। उन्होंने 1999 में दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की।
  5. कृषि विकास: वाजपेयी सरकार ने कृषि क्षेत्र में भी कई सुधार किए। उन्होंने किसानों के लिए ‘कृषि बीमा योजना’ और ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ जैसी योजनाएँ शुरू कीं, जिनसे किसानों को आर्थिक मदद मिली।

अटल बिहारी वाजपेयी को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और निस्वार्थ सेवा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके कार्यों ने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला।

16 अगस्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि पर आज उन्हें शत  शत नमन है:

अटल बिहारी वाजपेयी एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक प्रख्यात कवि भी थे। उनकी कविताओं में देशभक्ति, सामाजिक मुद्दों और मानवीय संवेदनाओं का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। यहाँ उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं का उल्लेख किया गया है:

  1. “कदम मिलाकर चलना होगा”: यह कविता वाजपेयी जी की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। इसमें उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर चलने और देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया है।
  2. “गीत नया गाता हूँ”: इस कविता में अटल जी ने जीवन की जटिलताओं और चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। उनकी यह रचना जीवन के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
  3. “संघर्ष का दूसरा नाम जीवन है”: इस कविता में उन्होंने संघर्ष को जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया है और इसके माध्यम से जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा दी है।
  4. “आज फिर से गीत गाता हूँ”: यह कविता जीवन के उत्साह और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
  5. “हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा”: यह कविता उनके अडिग संकल्प और आत्मविश्वास को प्रकट करती है। इसमें उन्होंने जीवन की कठिनाइयों से हार न मानने और सदा आगे बढ़ने की बात कही है।

अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएँ आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं और उनकी लेखनी का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है। उनकी कविताएँ गहरे अर्थों से भरपूर होती हैं और वे मानवीय संवेदनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करती हैं।

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16 अगस्त को अटल जी की पुण्यतिथि के अवसर पर हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों पर नज़र डालते हैं, जो उन्होंने लिखे थे। वाजपेयी जी ने बहुत पहले ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के साथ अपने जुड़ाव के बारे में लिखा था। अगर आप जानना चाहते हैं, तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखे।

 

 

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