शनिवार को लोकसभा में संविधान पर जबाब में शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बहस पर11 संकल्पों की सूची दी।
संविधान पर बहस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के लिए 11 संकल्पों की सूची दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान पर बहस का जवाब देते हुए भारत के भविष्यके हित में 11 संकल्पों की सूची दी।
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प्रमुख बातें
- शनिवार को लोकसभा में संविधान पर बहस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया
- भारत के भविष्य के लिए पीएम मोदी ने 11 संकल्पों की योजना बताई
- 13 दिसंबर को लोकसभा ने संविधान पर दो दिवसीय बहस पर बल दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में देश के भविष्य के लिए 11 संकल्पों की रूपरेखा बताई। लोकसभा में संविधान पर बहस का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि , “संविधान की भीतरी हित की भावना से प्रेरित आने वाले देश के भविष्य के हेतु मैं संसद के सामने 11 संकल्प पेश करना चाहूँगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बहस पर11 संकल्पों की सूची दी
उन्होंने कहा कि पहला संकल्प नागरिकों और सरकारी अधिकारियों दोनों के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा, “मेरा दूसरा संकल्प है कि समाज के हर पहलू का विकास होना चाहिए। सबका साथ, सबका विकास हो।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका तीसरा संकल्प भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता होना चाहिए। उन्होंने कहा, “भ्रष्ट व्यक्तियों को समाज में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।”
पीएम मोदी ने कहा कि उनका चौथा संकल्प यह होगा कि लोगों को देश के कानून, व्यवस्था और परंपराओं पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका पांचवां संकल्प “लोगों को निचली और गुलाम मानसिकता से परे होकर देश की विरासत पर ज़ज्ब भाव से गर्व करना” होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बहस पर11 संकल्पों की सूची दी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका छठा संकल्प देश को वंशवाद की राजनीति से “मुक्त” करना होगा। उन्होंने कहा कि उनका सातवां संकल्प यह होगा कि सभी को संविधान का सम्मान करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, “संविधान का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए हथियार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “मेरा आठवां संकल्प यह है कि संविधान की अंतर्निहित भावना के प्रति समर्पित रहते हुए लोगों से आरक्षण नहीं छीना जाना चाहिए। इसके अलावा, हमें धर्म पर आधारित किसी भी आरक्षण को लागू किये जानें वाले प्रयासों को रोकना चाहिए।” श्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि हमारा नौवां संकल्प यह है कि भारत देश दुनिया के देशों में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का नया उदाहरण बने। उन्होंने कहा कि उनका दसवां संकल्प राज्यों के विकास के माध्यम से देश के विकास का मंत्र होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मेरा ग्यारहवां संकल्प है कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विजन सभी के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “हमें इन सभी संकल्पों के साथ-साथ संविधान की अंतर्निहित भावना ‘हम लोग’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ना चाहिए।”
इस नारे को इस साल की शुरुआत में तब प्रमुखता मिली जब विभिन्न दलों ने लोकसभा चुनावों से पहले सरकार की नीतियों को संविधान के मूल सिद्धांतों के लिए खतरा बताया।
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भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने सांसदों को तीन लाइन का सख्त व्हिप जारी किया है, ताकि 13-14 दिसंबर को निर्धारित बहस के दौरान सदन में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।