PM Modi takes a dig at PM Giorgia Meloni's memes

इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के मीम्स पर पीएम मोदी का तंज

इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के मीम्स पर पीएम मोदी का तंज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वे मीम्स या ऑनलाइन चैटिंग के बारे में सोचने में समय बर्बाद नहीं करते

सारांश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वे “मीम्स या ऑनलाइन” चैटिंग के बारे में सोचने में समय बर्बाद नहीं करते, बल्कि अपनी यात्रा और सिद्धांतों पर विचार करते हैं। उन्होंने अपनी खाने पीने जैसे आदतों और युवावस्था के अनुभवों पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने गुजराती से हिंदी तक का सफर चाय बेचते समय हिंदी सीखना भी शामिल है। इतालवी पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ ‘मेलोडी मीम’ भी किस तरह वायरल हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन और भोजन के प्रति अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण पर विचार व्यक्त कर उसे साझा किया। उन्होंने कहा, “अगर कोई मुझे मेनू दे दे, तो मैं तय नहीं कर पाऊंगा कि क्या खाऊं। मैं खाने का शौकीन नहीं हूं।”

उन्होंने यह भी बताया कि संघ के लिए काम करने के शुरुआती दिनों में वे किस तरह खाना  रेस्तरां में ऑर्डर करने के लिए अरुण जेटली की मदद लेते थे।

इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के मीम्स पर पीएम मोदी का तंज

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि मेन्यू में बताई गई डिश और मेरे सामने रखा खाना एक ही चीज है या नहीं, मुझे जानकारी नहीं है, मैं अज्ञानी हूं क्योंकि मैंने वह प्रवृत्ति विकसित नहीं की है। इसलिए मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए मैं हमेशा अरुण जी से मेरे लिए खाना मंगवाने के लिए कहता था, बस यह शाकाहारी होना चाहिए।” पीएम मोदी ने अपने शुरुआती दिनों के किस्से भी साझा किए, जैसे रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते समय हिंदी सिखने का किस्सा।

उन्होंने कहा, “लोग मुझसे पूछते हैं, ‘आप गुजराती हैं, आपको हिंदी कैसे आती है?’ मैं उनसे कहता हूं, ‘मैंने स्टेशन पर विक्रेताओं से बात करते हुए इसे सीखा है।'” इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के एक वीडियो के बाद “मेलोडी मीम” वायरल हो गया था ( आप यूट्यूब पर देख सकते हैं ) 

जिसमें दोनों नेता एक साथ हंसते हुए दिखाई दिए थे। शिखर सम्मेलन के बाद एक ट्वीट में, मोदी ने यह भी लिखा था, “भारत-इटली की दोस्ती अमर रहे!” जब मेलोनी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया था। सेल्फी वीडियो लेने वाली मेलोडी ने पोस्ट को कैप्शन दिया, “मेलोडी टीम की ओर से नमस्ते।”

उन्होंने यह भी बताया कि संघ के लिए काम करने के शुरुआती दिनों में वे रेस्तरां में खाना ऑर्डर करने के लिए अरुण जेटली की मदद लेते थे। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि मेन्यू में बताई गई डिश और मेरे सामने रखा खाना एक ही चीज है या नहीं, मुझे जानकारी नहीं है, मैं अज्ञानी हूं क्योंकि मैंने उस प्रवृत्ति को विकसित नहीं किया है। इसलिए मुझे इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं है, इसलिए मैं हमेशा इसकी बारीकियाँ अरुण जी को समझ आती थी।उन्हें ही खाना ऑर्डर करने के लिए कहता था, बस यह शाकाहारी होना चाहिए था।

” पीएम मोदी ने अपने शुरुआती दिनों के किस्से भी साझा किए, जैसे रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते समय हिंदी सीखना। उन्होंने कहा, “लोग मुझसे पूछते हैं, ‘आप गुजराती हैं, आपको हिंदी कैसे आती है?’ मैं उनसे कहता था, ‘मैंने इसे स्टेशन पर विक्रेताओं से बात करते हुए सीखा है।

g 7 के समय की मीम बहुत जल्दी वायरल हो गया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे लाखों लोगों ने देखा गया था।
अपनी साधारण शुरुआत से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा पर विचार करते हुए, उन्होंने बताया कि उनका जीवन “राष्ट्र पहले” के सिद्धांत द्वारा निर्देशित था। उन्होंने कहा आज के युवा को मै कुछ खास बातें । ..सिखाने योग्य नहीं समझता।  जो भी बोलता हूँ अंदर से सहज विचार आता है, जिसके कारण मेरी मनों दशा भी बदल जाती है। 
उन्होंने बताया कि युवावस्था के अनुभवों से आकार लेने वाले उनके करियर को सहानुभूति की एक मजबूत भावना द्वारा परिभाषित किया गया है, जो हमेशा लोगों के सपनों को साकार करने के लिए काम करती है। 

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