No child or mother should be deprived of nutrition

कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे

कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे।पोषण7वां पोषण पखवाड़ा कल से शुरू होगा।

मंत्री 18 भागीदार मंत्रालयों, राज्य महिला एवं बाल विकास विभागों और देश भर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के अधिकारियों को के साथ मिलकर कुपोषण अभियान को पूरा करएंगे। सरकार की केंद विन्दु, कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की पहल कुपोषण से निपटने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता के तहत कल से पोषण पखवाड़ा का सातवां संस्करण मनाएगा। इस वर्ष के पोषण पखवाड़े में चार प्रमुख थीम पर जोर दिया जाएगा।

  • इनमें जीवन के पहले एक हजार दिनों पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाना, कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे से निपटने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना शामिल है।

कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहल में एक  पोषण अभियान:  कुपोषण से निपटने, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार लाने के अपने मिशन को जारी रखे हुए है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर कल वेबकास्ट के माध्यम से 18  मंत्रालयों के अधिकारियों, समेत राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी।

पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से, देश भर में छह सफल पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे। इस पहल से स्वस्थ सहज जीवन मिल सकता है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि सातवां पोषण पखवाड़ा एक सुपोषित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और उन्होंने सभी हितधारकों से एक “स्वास्थ्य-केंद्रित वातावरण” बनाने का शुरुआत किया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे।

उन्होंने  दो सप्ताह के पोषण जागरूकता अभियान के उद्घाटन भाषण में कहा, “यह ‘सुपोषित भारत’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।” सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से व्यवहार और आदत में बदलाव पर जोर देते हुए ठाकुर ने कहा कि बच्चों द्वारा अस्वास्थ्यकर स्नैक्स और तैलीय भोजन के बढ़ते सेवन के कारण बचपन में मोटापे की समस्या गंभीर हो गई है।

कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे

उन्होंने कहा, “पोषण अब सिर्फ़ कुपोषण तक सीमित नहीं रह गया है। अति-पोषण और मोटापा गंभीर समस्या बन गए हैं।” उन्होंने कहा, “आजकल बच्चे बहुत ज़्यादा तेल-मसाले और गैर-पोषक भोजन खाते हैं, जिससे न सिर्फ़ उनका वज़न बढ़ता है, बल्कि कई बीमारियाँ भी होती हैं।”

इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंताओं का जिक्र करते हुए सावित्री ठाकुर ने सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां बच्चे स्वस्थ भोजन करें और नियमित रूप से खेलें। आइए हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा भूखा न सोए, कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे और हर परिवार को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।”

उन्होंने  कहा कि 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से 100 करोड़ से अधिक जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गई हैं।

उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर और रेफरल सेवाओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर जुड़ाव बढ़ाने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा, “इस पखवाड़े के दौरान हम गांव-गांव जाएंगे, जागरूकता फैलाएंगे और जहां जरूरत होगी,  हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग पोषण ट्रैकर में निर्धारित मानदंडों का पालन करें।”

पोषण जागरूकता अभियान, जो केंद्र के प्रमुख पोषण अभियान का हिस्सा है, इस वर्ष चार प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा: जीवन के पहले 1,000 दिन, पोषण ट्रैकर का नागरिक मॉड्यूल, कुपोषण का समुदाय-आधारित प्रबंधन (CMAM), और बचपन में मोटापे से निपटने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना भी शामिल है। 

इस वर्ष के प्रयासों के हिस्से के रूप में, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी पोषण और कल्याण सेवाओं में सुधार के लिए जमीनी स्तर पर की गई पहलों की समीक्षा करने के लिए पखवाड़े के पहले सप्ताह में अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने वाली हैं।

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मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के साथ मिलकर पोषण पखवाड़ा 2025 का उद्देश्य जन आंदोलन गतिविधियों में स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और जल शक्ति सहित कई मंत्रालयों को शामिल करके आउटरीच और परिणामों को मजबूत करना है। 

यह रिपोर्ट पीटीआई समाचार सेवा के माध्यम से

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