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ग्रीनलैंड की 650 फुट ऊंची मेगा-सुनामी का रहस्य जानिए क्या है

नौ (9)दिनों तक चलने वाली  ग्रीनलैंड की 650 फुट ऊंची मेगा-सुनामी का रहस्य जानिए क्या है लहर का कारण, वैज्ञानिकों द्वारा सुलझाया गया।

 सुदूर घने वादियों में एक भयंकर चट्टान के खिसकने से अचानक हुए प्रभाव से एक विशाल सुनामी उत्पन्न हुई, जिसकी लहरें लगभग 200 मीटर (650 फीट) ऊंची थीं, जो फओर्ड की खड़ी दीवारों के भीतर नौ दिनों तक भयंकर गर्जना के साथ गूंजती रही।

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गभग 200 मीटर (650 फीट) तक पहुँच गईं, जो आश्चर्यजनक रूप से नौ दिनों तक फजॉर्ड की खड़ी दीवारों के भीतर गूंजती रहीं। इमेज आभार डीएनए

नई दिल्ली:
यह 2023 में ग्रीनलैंड के सुदूर फ़जॉर्ड में एक भयावह चट्टान के खिसकने से एक दुर्लभ और शक्तिशाली सुनामी आई, जो न केवल अपने आकार से बल्कि कारण, बल्कि इस बात के कारण भी उम्मीदों से बिलकुल अलग थी, कि यह कितने लम्बे समय तक टिकी रही। लगातार कई दिनों तक, यह लहर डिक्सन फ़जॉर्ड की खड़ी दीवारों के भीतर आगे-पीछे तेज हलचल कर गरजती रही। 

 

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फजॉर्ड समुद्र का एक लंबा, संकरा प्रवेशद्वार है जो खड़ी, चट्टानों या दीवारों से घिरा होता है, जो आमतौर पर हिमनदों के कटाव और उसके बाद समुद्री जल से बाढ़ के कारण उसका विकास होता है।

ग्रीनलैंड की 650 फुट ऊंची मेगा-सुनामी का रहस्य जानिए क्या है

जिस कारण एक लयबद्ध भूकंपीय स्पंदन पैदाहो गया, जिसकी गूंज मात्र पूरी दुनिया में सुनाई दे गया। अब, नासा और फ्रांस के सीएनईएस के विस्तृत उपग्रह डेटा के मदत के बदौलत, वैज्ञानिकों ने यह पता लगा लिया है कि यह ‘मेगा-सुनामी’ कैसे सामने आई और यह आर्कटिक में जलवायु से जुड़ी अस्थिरता का चेतावनी संकेत क्यों हो सकता है।

बड़ी सुनामी के अचानक से आई हुए प्रभाव के नतीजे को समझें , जिसकी लहरें लगभग 200 मीटर (650 फीट) तक पहुँच गईं, जो भयंकर स्थति के आने की दस्तक देता हुआ  नौ 9  दिनों तक फजॉर्ड की खड़ी दीवारों के भीतर गूंजती रहीं। 16 सितंबर, 2023 को भूस्खलन के बाद, दुनिया भर के भूकंपीय स्टेशनों ने हर 90 सेकंड में एक सूक्ष्म लेकिन लयबद्ध कंपन दर्ज किया – एक मोनोक्रोमैटिक पल्स जिसने विशेषज्ञों को एक सप्ताह से अधिक समय तक हैरान कर दिया।

ग्रीनलैंड की 650 फुट ऊंची मेगा-सुनामी का रहस्य जानिए क्या है ? यह पहेली कैसे सुलझी?

नासा और सीएनईएस के SWOT (सरफेस वाटर एंड ओशन टोपोग्राफी) उपग्रह की मिली जानकारी और एक सफलता मिली। जानकारी के अनुसार 17 सितंबर को, SWOT के का-बैंड रडार इंटरफेरोमीटर (KaRIn) ने डिक्सन फजॉर्ड के ऊपर से उड़ान भरी, और पानी की सतह की ऊंचाई के विस्तृत स्नैपशॉट कैप्चर किए। ईमेज के आधार पर  फजॉर्ड में झुकाव का खुलासा किया: उत्तरी भाग दक्षिण की तुलना में 1.2 मीटर (4 फीट) ऊंचा था, जो दोलन तरंग की पुष्टि करता है।

नासा के JPL में समुद्र-स्तर विशेषज्ञ जोश विलिस ने कहा: “SWOT उस समय उड़ान भर रहा था जब पानी फजॉर्ड की उत्तरी दीवार के खिलाफ काफी ऊंचा हो गया था… लहर के आकार को देखना – ऐसा कुछ है जो हम SWOT से पहले कभी नहीं कर सकते थे।”

फ़जॉर्ड की शक्ति लबे समय तक क्यूँ  टिका रहा ?

डिक्सन फ़जॉर्ड की संकीर्ण, गुहा जैसी भौगोलिक स्थिति के कारण – लगभग 1.7 मील (2.7 किमी) चौड़ी और 1,772 फ़ीट (540 मीटर) गहरी, जिसकी दीवारें 6,000 फ़ीट (1,830 मीटर) से ज़्यादा ऊँची थीं, एक प्राकृतिक अनुनाद कक्ष की तरह काम करती थीं। इस सीमित जगह में, सुनामी खत्म नहीं हो सकती थी। इसके बजाय, लहरों की ऊर्जा आगे-पीछे उछलती रही, जिससे भूकंपीय स्पंदन कई दिनों तक जारी रहा।

नासा के लेख में लिखा है, “खुले समुद्र से दूर, एक सीमित स्थान में, सुनामी की गति की ऊर्जा को फैलने का सीमित अवसर मिला, इसलिए लहर नौ दिनों तक लगभग हर 90 सेकंड में आगे-पीछे होती रही। इसने हज़ारों मील दूर भूकंपीय उपकरणों पर दर्ज किए गए झटकों को जन्म दिया।”

फजॉर्ड क्या होता है ?

  फजॉर्ड समुद्र का एक लंबा, संकरा प्रवेशद्वार है जो खड़ी, चट्टानों या दीवारों से घिरा होता है, जो आमतौर पर हिमनदों के कटाव और उसके बाद समुद्री जल से बाढ़ के कारण उसका विकास होता है। ये जल निकाय नॉर्वे, चिली और अलास्का जैसे हिमनदों के इतिहास वाले क्षेत्रों में आम तौर पर देखा जा सकता है। 

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