बुधवार को सुबह तड़के ही दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी में भूमिहीन कैंप के निवासियों के घर पर बुलडोजर एक्शन वहाँ घर अब मलबे के ढेर बन चुके थे।
कालका जीमें बसने वाले लोगों ने देखा कि बुलडोजर उनके घरों को तोड़ फोड़ रहे हैं, जहां उनके परिवारों की पीढ़ी दर पीढ़ी रह रही थी। जहाँ घर था लोग आपस में खुश थे अब, वहां अब केवल मलबे और रेत का एक मैदान दिखाई दे रहा था।
दिल्ली कालका जी की बस्ती – का नर्माण 70 के दशक में हुआ था वहाँ के (निवासियों के अनुसार) – दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मात्र एक को छोड़कर बाकी के कुछ शिविर निवासियों द्वारा तोड़ फोड़ और विध्वंस के खिलाफ दायर किए सभी याचिकाओं को खारिज क्र दिया गया और पांच दिन बाद ध्वस्त कर दी गई।
डीडीए के स्वामित्व वाली भूमि से निवासियों को हटाने की प्रक्रिया की शुरुआत सबसे पहले जून 2023 में शुरू हुई थी, लेकिन इसे तब रोक दिया गया जब जिन लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ था, उन्होंने उच्च न्यायालय में रिट याचिकाएं दायर कीं।
कालकाजी में भूमिहीन कैंप के निवासियों के घर पर बुलडोजर एक्शन
इस बार काम पूरा हो चुका है। 43 वर्षीय मेहुल ने कहा बुलडोजर को काम करते हुए देखते हुए कहा, “हमें नहीं पता कि अब हम क्या करेंगे। अब हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है।” इलाके में नाश्ते की दुकान चलाने वाले तिवारी ने कहा कि उनके परिवार को अभी तक कालकाजी में घर आवंटित नहीं किया गया है। जनता के बचाव के लिए श्री मति आतिशी सामने आई थी। उन्हें पुलिस के द्वारा हिरासत में ले लिया गया।
डीडीए के अनुसार: क्षेत्र के 1,862 परिवारों को 2023 में पॉकेट ए-14, कालकाजी एक्सटेंशन में पुनर्वासित किया जाएगा, निवासियों ने कुल परिवारों की संख्या 3,000 से अधिक बताई।
डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि “कालकाजी में इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास परियोजना के तहत, तत्कालीन दिल्ली सरकार द्वारा अनुमोदित डीयूएसआईबी की पुनर्वास/पुनर्स्थापन नीति 2015 के अनुसार पात्रता मानदंड लागू करने के बाद, कुछ निवासियों को पुनर्वास के लिए योग्य पाया गया, और कुछ को नहीं।”
नियम क्या कहते हैं।
नीति नियम के अनुसार, वर्ष 2012, 2013, 2014 और 2015 (1 जनवरी से पहले) की मतदाता सूची में शामिल परिवार और उनके पास पासपोर्ट, बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे जो भी वैध दस्तावेज हैं, वे वैकल्पिक आवास के लिए पात्र हैं। अधिकारी ने कहा कि व्यक्ति का नाम सर्वेक्षण वर्ष (2019) की मतदाता सूची में भी होना चाहिए।
कालकाजी में भूमिहीन कैंप के निवासियों के घर पर बुलडोजर एक्शन
6 जून को, हाईकोर्ट ने डीडीए को याचिकाकर्ताओं में से एक को वैकल्पिक आवास प्रदान करने का निर्देश दिया, जिसके बारे में संस्था ने कहा कि उसने पहले ही ऐसा कर दिया है, और 26 मामलों की फिर से जांच करने और छह सप्ताह के भीतर आदेश पारित करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा था, “याचिकाकर्ताओं में से किसी को भी जेजे क्लस्टर पर लगातार कब्जा जारी रखने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिससे आम जनता को नुकसान हो।”
वहाँ के जनता ने कहा, एक छोटे माल वाहन चालक, जिन्होंने दावा किया कि वे भूमिहीन शिविर में थे, ने आरोप लगाया कि सभी दस्तावेज़ होने के बावजूद उन्हें आवास देने से इनकार कर दिया गया।
उन्होंने कहा, “अधिकारियों ने कहा कि चूंकि मैंने 2019 में वोट नहीं दिया था, इसलिए मैं घर के लिए पात्र नहीं हूँ। मैं उस समय बिहार गया था क्योंकि मेरी माँ की मृत्यु हो गई थी।” बुलडोजड़ एक्शन पर क्या बोली CM रेखा गुप्ता।
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40 वर्षीय महिला , जो कि इसी कैंप में पैदा हुई थीं, ने आरोप लगाया कि 2019 के सर्वेक्षण में गलत तरीके से उल्लेख किया गया था कि उनके पास राशन कार्ड नहीं है। “लेकिन मेरे पास राशन कार्ड है। मैंने इसे अधिकारियों को दिखाया है। मैंने इसे अदालत में भी दिखाया है। फिर मैं घर के लिए पात्र क्यों नहीं हूँ?” ये सभी जनता के सवाल हैं, जिसे जनता जबाब माँग रही थी।
गोस्वामी, उनकी पत्नी और तीन बच्चे तथा कई सारे लोग बुधवार की सुबह, शिविर के सैकड़ों निवासियों के साथ खड़े थे और बुलडोजरों को कॉलोनी को ध्वस्त करते हुए देख रहे थे। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि हम आज रात कहाँ सोएँगे।”
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