panel-formed-on-delhi-circle-rate-revision

दिल्ली सरकार सर्किल रेट संशोधन पर फैसला के लिए पैनल गठित किया

दिल्ली सरकार सर्किल रेट संशोधन पर फैसला के लिए पैनल गठित किया संशोधन में सर्किल दरों में कमी और वृद्धि दोनों स्थिती शामिल हो सकती है।

सर्किल रेट मामले से अवगत कराते हुए, अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर में सभी श्रेणियों की संपत्तियों की सर्किल दरों में संशोधन का निर्देश दिया है और इसका संज्ञापन  करने के लिए एक समिति गठित की है। संशोधन में सर्किल दरों में कमी और वृद्धि दोनों शामिल हो सकते  है। उम्मीद है जल्द ही समिति द्वारा  रिपोर्ट प्रस्तुत  की जाऐगी। 

दिल्ली सरकार सर्किल रेट संशोधन पर नए  फैसले के लिए पैनल गठित किया

panel-formed-on-delhi-circle-rate-revision
दिल्ली में वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्ति के लिए सर्किल दरें कम की जानी चाहिए,

दिल्ली सचिवालय में सरकार-उद्योग टास्क फोर्स की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे को उठाया था।अधिकारियों ने बताया कि संशोधन में शहरी क्षेत्रों में सर्किल दरों में वृद्धि और कमी  दोनों शामिल हो सकती है, जो मौजूदा समय में विसंगतियों के कारण है। 

 सर्कल दर कैसे काम करता है ?

सर्किल दरें सरकार द्वारा पंजीकरण के उद्देश्य से किसी संपत्ति को सौंपी गई न्यूनतम कीमत होती हैं, जिसका उपयोग संपत्ति के कीमत की मूल्यांकन दरों को फिक्स और स्टाम्प ड्यूटी की गणना के लिए बेंचमार्क के रूप में किया जाता है। मयख़्यमंत्री नें शनिवार की बैठक के दौरान, मौजूदा सर्किल दरों का आकलन करने का निर्देश दिया।

बैठक में वरिष्ठ मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली मेट्रो रेल निगम, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधि शामिल हुए, जो टास्क फोर्स का हिस्सा हैं।

दिल्ली  में सरकार नें सर्किल रेट संशोधन पर फैसला के लिए पैनल गठित किया

मिडिया को मामले से परिचित राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि, “संशोधन के संबंध में अंतिम निर्णय, जिसमें यह भी शामिल है कि दरें बढ़ाई जाएंगी या घटाई जाएंगी, समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा लिया जाएगा।”

अधिकारियों के अनुसार, संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति वर्तमान बाजार स्थितियों और संपत्ति मूल्यों के आधार पर शीघ्र ही एक विस्तृत रिपोर्ट द्वारा प्रस्तुतकी जायेगी, जिसे सर्किल दरों में संशोधन के आधार के रूप में  संसोधित किये गए नए दरों का उपयोग किया जाएगा।

 टास्क फोर्स ने सिफारिश की, ऐसा गुरुवार को बताया कि दिल्ली में औद्योगिक संपत्ति और वाणिज्यिक के लिए सर्किल दरें कम की जानी चाहिए, क्योंकि अन्य पड़ोसी गुरुग्राम और नोएडा और यहां तक ​​कि कुछ मामलों में मुंबई से भी अधिक हैं। मंगलवार को इसने एलजी वीके सक्सेना और उद्योग मंत्री सिरसा को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

 प्रीमियम रिहायशी इलाकों में दिल्ली के सर्किल रेट अनुपातहीन रूप से बहुत ज़्यादा हैं, रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि जो ₹7.74 लाख प्रति वर्ग मीटर है, जबकि सबसे ज़्यादा गुरुग्राम में रिहायशी इलाके में सर्किल रेट ₹5.5 लाख/वर्ग मीटर और एनसीआर  नोएडा में भी सर्कल रेट  ₹1.19 लाख/वर्ग मीटर है। वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए, सर्किल रेट ₹69,820-23.3 लाख/वर्ग मीटर हैं, जबकि गुरुग्राम में, अधिकतम दर ₹2.36 लाख/वर्ग मीटर और नोएडा में ₹1.19 लाख/वर्ग मीटर है।

रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई आवासीय क्षेत्रों में अधिकतम सर्किल रेट 2.36 लाख रुपये/वर्ग मीटर है और वाणिज्यिक के क्षेत्रों में भी 2.71 लाख रुपये/वर्ग मीटर है, जो दिल्ली से कहीं कम है।

दिल्ली में पिछली बार सर्किल दरों में संशोधन सितंबर 2014 में किया गया था, जब सरकार ने भूमि और अचल संपत्तियों के लिए न्यूनतम दरों का चौथा संशोधन लागू किया था। 2022 में, पूर्व AAP सरकार द्वारा कुछ क्षेत्रों में सर्किल दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था, लेकिन वित्त विभाग की आपत्तियों सहित कई कारकों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।

और पढ़ें: कालकाजी में भूमिहीन कैंप के निवासियों के घर पर बुलडोजर एक्शन

टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में शहर के समग्र विकास के लिए सिफारिशें भी कीं, जिसमें एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली, सभी एजेंसियों में मानकीकृत विकास नियंत्रण मानदंड और बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए समयबद्ध मंजूरी शामिल है।

10 सूत्री रिपोर्ट में वाणिज्यिक भूखंडों के लिए समामेलन शुल्क में कमी, एमसीडी क्षेत्रों में संशोधित लेआउट योजनाओं को खत्म करना, टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हरित भवन नीति, संपत्ति कर को युक्तिसंगत बनाना, इष्टतम

डीएमआरसी को आवंटित भूमि का उपयोग और होटल एवं अन्य वाणिज्यिक भूखंडों के लिए फ्लोर-एरिया अनुपात में कमी।

टास्क फोर्स ने यह भी प्रस्ताव दिया कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत झुग्गी पुनर्विकास को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिससे ऐसी परियोजनाओं के भीतर वाणिज्यिक गतिविधियों की अनुमति मिल सके।

इस बीच, सीएम ने अनधिकृत कॉलोनियों में विकास में तेजी लाने का निर्देश दिया और इन क्षेत्रों में मालिकाना हक और संपत्ति पंजीकरण पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गुप्ता ने विकास कार्यों में अनावश्यक देरी से बचने के लिए निर्माण संबंधी प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

“कारोबारी माहौल को और अधिक कुशल कुशल बनाने के लिए, पारदर्शी और निवेशक-को अनुकूल बनाने के लिए दिली में, टास्क फोर्स को व्यापार करने में आसान और सुविधाजनक हो इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।

टास्क फोर्स उद्यमियों, व्यवसायों और स्टार्ट-अप से संबंधित मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करेगी। यह मौजूदा नीतियों का मूल्यांकन करेगी और स्वचालन और सुधारों के समयबद्ध कार्यान्वयन की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी,” सीएम ने कहा

वाणिज्यिक भूखंडों के लिए उच्च समामेलन शुल्क के मुद्दे पर, उन्होंने टास्क फोर्स को प्रस्तावित ढांचे के अंतर्गत आवासीय भूखंडों को भी शामिल करने का निर्देश दिया ताकि एक सुसंगत और एकीकृत नीति विकसित की जा सके।

मुख्यमंत्री  रेखा गुप्ता ने टास्क फोर्स से हरित भवन नीति में आवासीय भवनों को भी शामिल करने को कहा तथा निर्देश दिया कि वह एक व्यापक और अधिक प्रभावी नीति तैयार करे, जिसमें आवासीय क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए, तथा सतत विकास को बढ़ावा मिल सकता है

कृपया अपनी प्रतिक्रिया साझा करें:

Loading spinner
Wishes and Quotes to Celebrate your Father

अपने पिता को सेलिब्रेट करने के लिए शुभकामनाएं और उद्धरण

Modi welcomed by Indian diaspora in Limassol

लिमासोल में भारतीय प्रवासियों द्वारा मोदी की हार्दिक स्वागत