पहलगाम पीड़ित लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता “कोई उनके बेटे या बेटी को नुकसान पहुंचाएगा तब उन्हें मेरे दर्द का अंदाजा होगा।
राजेश नरवाल ने कहा कि वह अपने बेटे की मौत को कभी भी नहीं यादों से दूर कर पाए। अपने परिवार के सामने रो भी नहीं सकते और उन्हें शांत रहना चाहिए ताकि उन्हें लगे कि वह मजबूत हैं।
कितना मुश्किल होता है एक परिवार के लिए अपने बच्चे की आकस्मिक मौत को भूलना खासकर जब किसी आतंकी ने खुनी खेल खेला हो। आज एक पिता विहृवल हो उठा। राजेश नरवाल, जिनके बेटे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से एक थे, उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर तभी दर्द समझेंगे जब “कोई उनके बेटे या बेटी को नुकसान पहुंचाएगा।“
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जिनकी शादी 16 अप्रैल को हुई थी, को एक सप्ताह बाद 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।
विनय नरवाल के पिता कोई उनके बेटे या बेटी को नुकसान पहुंचाएगा
राजेश नरवाल ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “वह (असीम मुनीर) मेरा दर्द तभी समझ पाएंगे, जब कोई उनके बेटे या बेटी को नुकसान पहुंचाएगा। जिस दिन उन्हें पता चलेगा कि उनके बेटे या बेटी की आतंकी हमले में मौत हो गई, तभी उन्हें मेरा दर्द समझ आएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर मुझे, एक आम इंसान को, बंदूक चलाने के लिए दी जाए और मैं उसके बेटे या बेटी को ले जाऊँ, तो उसे उस दर्द का एहसास होगा।”
विनय उन 26 पर्यटकों में शामिल थे जिन्हें पहलगाम में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। यह जोड़ा पहाड़ी शहर में हनीमून मना रहा था, तभी एक बंदूकधारी उनके पास आया और विनय को बिल्कुल पास से गोली मार दी।

विनय नरवाल के पिता कोई उनके बेटे या बेटी को नुकसान पहुंचाएगा
उन्होंने आगे कहा, “अगर मुझे, एक आम इंसान को, बंदूक चलाने के लिए दी जाए और मैं उसके बेटे या बेटी को ले जाऊँ, तो उसे उस दर्द का एहसास होगा।”
विनय उन 26 पर्यटकों में शामिल थे जिन्हें पहलगाम में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। यह जोड़ा पहाड़ी शहर में हनीमून मना रहा था, तभी एक बंदूकधारी उनके पास आया और विनय को बिल्कुल पास से गोली मार दी।
राजेश ने कहा कि वह अपने परिवार के सामने रो भी नहीं सकते और उन्हें शांत रहना होगा ताकि परिवार को लगे कि वह मजबूत हैं।
पिता ने कहा, “मैं अपने परिवार के सामने रो भी नहीं सकता। मेरी पत्नी, मेरे माता-पिता, सब टूट चुके हैं। लेकिन मुझे शांत रहना होगा ताकि उन्हें लगे कि मैं मज़बूत हूँ। मन को शांति नहीं मिल रही है। इतने दिन हो गए हैं, हम सो नहीं पा रहे हैं। हमारा दिमाग़ पूरी तरह से सुन्न हो गया है। कोई भी दो-तीन घंटे से ज़्यादा सो नहीं पा रहा है।”
राजेश की यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद आई है।
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राजेश ने कहा कि हमले के बाद पूरा परिवार टूट गया है और जो दर्द वे सह रहे हैं उसका कोई इलाज नहीं है।
“जब हम मनोचिकित्सक के पास जाते हैं, तो वे दवाइयाँ लिख देते हैं। लेकिन इसका कोई इलाज नहीं है। हमें दूसरी बीमारियाँ हो जाती हैं। हमारी हालत ऐसी ही है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा, “विनय हमेशा मेरे दिमाग में रहता है, चौबीसों घंटे। जब मैं सुबह उठता हूँ, तो सबसे पहले वही मुझे दिखाई देता है।”
विनय नरवाल का 23 अप्रैल को हरियाणा के करनाल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। विनय का चयन सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से भारतीय नौसेना में हुआ था। दो साल के भीतर ही वे लेफ्टिनेंट के पद तक पहुँच गए।
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