करगिल विजय दिवस 2025: भारत माता के वीर सपूतों को समर्पित। भारत हर वर्ष 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाता है। इस वर्ष कैसे मना रहा है आइये जानते है।
करगिल विजय दिवस 2025 भारत की वीरता, एकता और सैन्य बलिदान की अमिट गाथा है। 26 जुलाई को देश उन 527 शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने कारगिल की ऊँचाइयों पर ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत भारत की सीमाओं की रक्षा की। इस दिन को याद करते हुए हम न केवल इतिहास को दोहराते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को प्रेरणा भी देते हैं। करगिल की जंग भारतीय सेना के अदम्य साहस, रणनीति और देशभक्ति का परिचय देता है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। आइए, इस विजयगाथा को फिर से जीवंत करें।
करगिल विजय दिवस 2025: भारत माता के वीर सपूतों को समर्पित

परिचय: हर वर्ष 26 जुलाई को भारत करगिल विजय दिवस मनाता है, जो हमारी सेना की शौर्यगाथा, बलिदान और राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है।
1999 में करगिल युद्ध भारत के इतिहास में वह अध्याय था, जिसमें भारतीय सेना ने विषम परिस्थितियों में पाकिस्तानी घुसपैठियों को पीछे हटाकर भारतीय सीमा की रक्षा की थी। ।
आज भारत के रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं के कमांडर के साथ वीरों को श्रद्धांजलि दी:
On Kargil Vijay Diwas, I pay heartfelt tributes to our bravehearts who displayed extraordinary courage, grit and determination in defending our nation’s honour in the toughest of terrains. Their supreme sacrifice during Kargil war is a timeless reminder of the unwavering resolve…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2025
करगिल विजय दिवस 2025: भारत माता के वीर सपूतों को समर्पित
26वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो युवाओं को प्रेरणा देती है कि राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान भी कम है।
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करगिल युद्ध का संक्षिप्त इतिहास
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मई 1999, पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों के भेष में कारगिल सेक्टर में घुसपैठ की और ऊँचाइयों पर कब्जा कर लिया।
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इसका उद्देश्य था: भारत को रणनीतिक दृष्टिकोण से कमजोर करना और श्रीनगर-लेह हाईवे (NH-1D) को बाधित करना।
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भारतीय सेना ने शुरू किया ऑपरेशन विजय, जिसमें हज़ारों जवानों ने अत्यंत कठिन भू-भाग और मौसम के बीच, एक-एक चोटी वापस हासिल की।यह युद्ध लगभग 60 दिन चला और 26 जुलाई 1999 को भारत ने विजय की घोषणा की।इसमें 527 से अधिक सैनिक शहीद हुए और 1300+ घायल हुए, लेकिन हर इंच भारतीय भूमि वापस हासिल की गई।
- भारत के अमर वीर: जिन्होने रचा इतिहास
कैप्टन विक्रम बत्रा (PVC)“ये दिल मांगे मोर!” — यह नारा आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है।
कैप्टन बत्रा ने प्वाइंट 4875 पर दुश्मन से जूझते हुए वीरगति पाई, पर उन्होंने अपनी टुकड़ी को विजय दिलाई।लेफ्टिनेंट मनोज पांडे (PVC)
उन्होंने अपने जख्मों की परवाह न करते हुए दुश्मन की बंकर लाइन को तबाह किया। उनके अंतिम शब्द थे: पढ़ने के बाद ह्रदय जोश से भर उठता है।
“अगर मौत आती है तो मैं उसे मार डालूंगा।”
योगेन्द्र सिंह यादव (PVC)
उन्होंने Tiger Hill पर सीधा हमला कर, अकेले दर्जनों दुश्मनों को मार गिराया।
शरीर में गोलियां लगने के बावजूद वे अपने मिशन में सफल रहे।राइफलमैन संजय कुमार (PVC)
उन्होंने खुद पर गोली लगने के बाद भी पोस्ट खाली नहीं छोड़ी और पूरे इलाके को दुश्मनों से मुक्त कराया।
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करगिल विजय दिवस 2025: इस वर्ष क्या खास है?
2025 में करगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर कई राष्ट्रीय और स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए गए:
द्रास वॉर मेमोरियल (लद्दाख) में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने श्रद्धांजलि दी।
देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में ‘शौर्य उत्सव’, निबंध प्रतियोगिता, सांस्कृतिक आयोजन हुए।
पहली बार शुरू हुआ “वीरता गाथा ऐप”, जिसमें आम नागरिक शहीदों की कहानियाँ सुन सकते हैं।
कई राज्यों में मोबाइल वॉर म्यूजियम लांच किए गए।
- वीडियो स्रोत: NDTV India YouTube Channel
✍️ प्रेरक पंक्तियाँ
“वो मरे नहीं हैं, वो आज भी तिरंगे के नीचे मुस्कुराते हैं।”
“करगिल सिर्फ एक युद्ध नहीं, भारत की अस्मिता की विजय है।”
“शहीदों की चिता पर हर साल दिए जलते हैं, उनके नाम पर हर भारतीय का दिल धड़कता है।”निष्कर्ष
करगिल विजय दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं है, यह भारतीयता, वीरता और आत्मबल की पहचान देता है। आज जब हम 2025 में इस विजय को याद कर रहे हैं, तो यह ज़रूरी है कि हम न केवल याद करें, बल्कि उस वीरता को अपने जीवन में अपनाएँ।
हर वर्ष 26 जुलाई को हम सब मिलकर कहें:“जय हिन्द! – शहीदों को शत-शत नमन!”
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