भारतीय सेना पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को SC से फटकार लगाए जाने के बाद कंगना का पलटवार ‘हमेशा खिलाफ बोलते हैं…’
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आरोप लगाया था कि चीनी सेना ने ‘20 भारतीय सैनिकों को मार डाला’ और ‘अरुणाचल प्रदेश में जवानों के साथ मारपीट की’ इस तरह के भाषा का पयोग उन्होंने किया था।
राहुल गाँधी को SC से फटकार लगाए जाने के बाद कंगना का पलटवार किया, जब सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना पर कांग्रेस नेता को उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाई। उन्होंने हल्के शब्दों का प्रयोग करते हुए आरोप लगाया कि वह “हमेशा भारत के खिलाफ बोलते रहते हैं, चाहे वह रक्षा बल” हो या अर्थव्यवस्था।
इससे पहले, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान श्री राहुल गांधी के द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ कार्यवाही मानहानि पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इस यात्रा में उन्होंने कहा था कि दिसंबर16. 2022 को सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना ने भारतीय सेना को “पीटा” था।
राहुल गाँधी को SC से फटकार लगाए जाने के बाद कंगना का पलटवार

इस पर, राहुल गांधी की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए, कंगना रनौत ने कहा कि कांग्रेस नेता “दुश्मन देशों के समर्थन में बोलते हैं। उनकी मानसिकता भारत विरोधी है। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट का यह कदम स्वागत योग्य है; उन्होंने उनकी खिंचाई की है। आने वाले समय में, अन्य लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे भारत के सम्मान, अखंडता और मनोबल को ठेस न पहुँचाएँ।”
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राहुल गाँधी को SC से फटकार लगाए जाने के बाद कंगना का पलटवार
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दैरान पब्लिक में क्या कहा था ?
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, दिसंबर 2022 में राहुल गांधी ने कहा था कि चीनी के सेना ने “2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है”, ” हमारे 20 भारतीय सैनिकों को मार डाला है” तथा “अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जवानों के साथ मारपिटाई भी की है।”
कांग्रेस नेता की टिप्पणी के बाद, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के उदय शंकर श्रीवास्तव (पूर्व निदेशक) ने एक स्थानीय अदालत में देश के प्रति शिकायत दर्ज कराई थी।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी और सुनवाई के दौरान कुछ टिप्पणियां भी कीं।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 29 मई को, मानहानि की शिकायत और समन आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसके बारे में गांधी ने दावा किया था कि यह दुर्भावना से प्रेरित और भारतीय सेना के भावनाओं से खेलने का प्रयास, बेईमानी से दायर किया गया था।
कार्यवाही पर रोक लगाते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने गांधी की टिप्पणियों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “आप यदि एक सच्चे भारतीय होते, तो यह सब आप नहीं कहते।
“आपको कैसे पता चला कि 2,000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन भारतीय, चीनियों ने कब्ज़ा कर लिया है? क्या आप वहाँ थे? क्या कोई विश्वसनीय सबूत भी आपके पास ? आप बिना किसी सबूत के ये बयान क्यों दे रहे हैं… अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ये सब नहीं कहते,” सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने यह भी कहा।
अदालत, 29 मई के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मानहानि के एक मामले में निचली अदालत के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
यह कार्यवाही दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गांधी की उस टिप्पणी से शुरू हुई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि चीनी सेना ने “2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है,” “20 भारतीय सैनिकों को मार डाला है,” और यहाँ तक कहा कि “अरुणाचल प्रदेश में हमारे जवानों को पीटा है।”
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने निचली अदालत की आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया।
पीठ ने गांधी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा, “आपको मीडिया या सोशल मीडिया पोस्ट में यह क्यों कहना पड़ रहा है? आपको कैसे पता चला, क्या आप वहां मौजूद थे? 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया है?”
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