नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने से सैलाव का तांडव 4 लोगों के मौत अन्य छह लोगों के घायल तथा लापता होने की खबड़ आई है।
प्रकृति की मार लगातार जम्मू कश्मीर में आफ़द बनकर बरस रहे है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना राजबाग के जोड़ घाटी गाँव में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को हुई जब बादल फटने से गाँव तक पहुँचने का रास्ता बंद हो गया। पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक संयुक्त टीम बचाव अभियान के लिए घटनास्थल पर पहुँची।
अधिकारियों ने बताया, “अब तक चार लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि छह अन्य को घायल अवस्था में बचा लिया गया है और उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है।”
कठुआ जिले में बादल फटने से सैलाव का तांडव 4 लोगों के मौत
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “जंगलोट इलाके में बादल फटने की सूचना मिलने के बाद एसएसपी कठुआ श्री शोभित सक्सेना से बात की। चार लोगों के हताहत होने की सूचना है। इसके अलावा, रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग को भी नुकसान पहुँचा है और कठुआ पुलिस स्टेशन भी प्रभावित हुआ है। नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत हरकत में आ गए हैं। स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है।”
कठुआ जिले में बादल फटने से सैलाव का तांडव 4 लोगों के मौत। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।
Spoken to SSP Kathua Sh Shobhit Saxena after receiving information about a cloud burst in the Janglote area.
4 Casualties reported. In addition, damage has occurred to Railway track, National Highway while Police Station Kathua has been affected.
The civilian Administration,…
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 17, 2025
कठुआ जिले में बादल फटने से सैलाव का तांडव 4 लोगों के मौत
भारी बारिश के कारण कई जलाशयों में जलस्तर तेज़ी से बढ़ा गया है तथा उज्ह नदी ख़तरे के निशान के पास बह रही है। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ थाना क्षेत्र के बागड़ और चांगडा गाँवों और लखनपुर क्षेत्र के दिलवान-हुतली में भी भूस्खलन का ममला शामने आया है हालाँकि किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों से उनकी सुरक्षा के लिए जलाशयों से दूर रहने का अनुरोध किया गया है। यह त्रासदी 14 अगस्त को किश्तवाड़ ज़िले के चिसोती गाँव में हुए विनाशकारी बादल फटने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें कम से कम 60 लोग मारे गए थे और 100 से ज़्यादा घायल हुए थे।
एसडीआरएफ, बीआरओ, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा ऊँचाई वाले इलाकों में बचाव और राहत अभियान जारी है।
कठुआ जिले में बादल फटने से सैलाव का तांडव 4 लोगों के मौत बचाव अभियान जारी
जम्मू-कश्मीर के जंगलोट की जगह बताई जा रही है बादल फटने से एक गांव में भारी बाढ़ आ गई।
जंगलोट के एक गाँव में शनिवार और रविवार के मध्य रात्रि के बीच की घटना है।
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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जो कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से सांसद हैं, ने कहा कि बादल फटने से एक रेलवे ट्रैक, और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और एक पुलिस स्टेशन भी क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे आवाजाही बाधित हो रहा है।
कठुआ में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से बात करने के बाद उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत हरकत में आ गए हैं। स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है।” उन्होंने आगे कहा, “मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ।”
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर दुख व्यक्त किया और अधिकारियों को बादल फटने और भूस्खलन प्रभावित कठुआ जिले में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राहत, बचाव और निकासी उपाय करने का निर्देश दिया।
उनके कार्यालय ने 11 अक्टूबर को कहा, “मुख्यमंत्री ने कठुआ के कई हिस्सों, जिनमें जोध खड्ड और जुथाना भी शामिल हैं, में भूस्खलन से हुई दुखद जनहानि और क्षति पर दुख व्यक्त किया है। भूस्खलन में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।”
बयान में आगे कहा गया, “उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की और सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया।”
कठुआ में बादल फटने के बाद मौसम विभाग की चेतावनी
कठुआ प्रशासन ने मौसम संबंधी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि पूरे ज़िले में “भारी से बहुत भारी बारिश” होने की सूचना है। साथ ही, जनता से जलस्रोतों से दूर रहने का अनुरोध भी किया गया है।
कठुआ के ज़िला सूचना केंद्र ने X पर एक पोस्ट में कहा, “जनता को नदियों, नालों, नालों और अन्य जलस्रोतों के पास जाने से बचने की सख़्त सलाह दी जाती है, साथ ही पहाड़ी, भूस्खलन और अन्य जोखिम-प्रवण क्षेत्रों से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है। भारी बारिश के कारण जल स्तर तेज़ी से बढ़ सकता है, जिससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन का ख़तरा बढ़ सकता है।” उन्होंने हेल्प लाइन नम्बर भी जारी की।
🚨 Weather Advisory | Kathua 🚨
Heavy to very heavy rainfall reported across the district.
⚠️ Avoid rivers, streams, nallahs, hilly & landslide-prone areas.
Stay alert to risk of flash floods & landslides.
📞 Helpline:
DEOC: 01922-238796 | PCR: 9858034100 | ERSS: 112@diprjk pic.twitter.com/pUVhCdqSGe— Information & PR, Kathua (@DiprKathua) August 17, 2025
हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं: 01922-238796 और 9858034100।
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशयों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा है और उझ नदी खतरे के निशान के पास बह रही है।
इस सप्ताह त्रास्दी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। किश्तवाड़ बादल फटना
इसी सप्ताह, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में 50 से ज़्यादा लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो थे।
यह त्रासदी उस समय हुई जब 14 अगस्त को मचैल माता मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग चिसोती में एकत्र हुए थे। कम से कम 82 लोग अभी भी लापता हैं।
यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी। 9,500 फुट ऊंचे मंदिर तक 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा चिसोती से शुरू होती है, जो किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है।
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