जीएसटी दर में कटौती से घरेलू उपकरण होंगे सस्ती 7 प्रतिशत तक गिरने के अनुमान जिससे उपभोगता माँग में उछाल आ सकता है।
पिछले दिनों चल रही चर्चा के दौरान GST स्लैब में बदलाब के कारण इस त्यौहार सीजन पर खासा असर पड़ सकता है। जीएसटी दर में नवीनतम कटौती से इस त्यौहारी सीजन में खरीदारी जैसे भारतीय घरेलू बस्तुएँ जैसे एसी, टीवी और वाशिंग मशीन अधिक किफायती हो जाएंगे और इससे उपभोक्ता बचत और मांग बढ़ेगी।
GST के ढांचे में बड़े बदलाव के बाद, कम खर्च करने की संभावना है। जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर, 2025 को अपनी बैठक में एयर कंडीशनर, बड़े स्क्रीन वाले टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन सहित प्रमुख उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर कर दरों में कटौती का फैसला किया है।
जीएसटी दर में कटौती से घरेलू उपकरण होंगे सस्ती 7 प्रतिशत तक

उद्योगपतियों को उम्मिद है उपभोक्ताओं पर मूल्य कटौती का खासा असर होने वाला है।
उद्योग के अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बदलाव से सभी दुकानों में कीमतों में सीधे तौर पर कमी आएगी। रिपोर्टों से पता चलता है कि एयर कंडीशनर अब मॉडल के आधार पर लगभग ₹1,500 से ₹2,500 प्रति यूनिट तक सस्ते हो सकते हैं। इस कमी से मांग में भी वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर प्रीमियम और ऊर्जा-कुशल उपकरणों की, क्योंकि खरीदारों को ये अधिक किफायती लग सकते हैं।
जीएसटी दर में कटौती से घरेलू उपकरण होंगे सस्ती 7 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है।
- ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन ने कहा कि उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचाने के लिए इस बदलाव को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।
- पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया के अध्यक्ष मनीष शर्मा का अनुमान है कि कीमतों में 6-7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
- गोदरेज अप्लायंसेज के कमल नंदी ने कहा कि सस्ते एयर कंडीशनर भारत में मौजूदा 9-10 प्रतिशत के स्तर को पार कर सकते हैं, जिससे ज़्यादा घरों को कूलिंग समाधान उपलब्ध हो सकेंगे।
यह संशोधन उपकरण निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर आया है, जिनमें से कई को जून तिमाही में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। समय से पहले मानसून और अत्यधिक बारिश के कारण कूलिंग जैसे उत्पादों की माँग कम हो गई थी वोल्टास, ब्लू स्टार और हैवेल्स जैसी कंपनियों ने अपने एयर-कंडीशनिंग विभागों में राजस्व में 34 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की। इसलिए, कीमतों में यह कटौती त्योहारी खरीदारी के मौसम से पहले कुछ हद तक उद्योग के लिए समय पर की गई मदद के रूप में देखी जा रही है।
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जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह सबसे व्यापक युक्तिकरण साबित हो सकता है, जिसमें चार स्लैब हैं: 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। नीति निर्माताओं का कहना है कि दो स्लैब वाली यह संरचना आने वाले समय में सरल हो जायगी, उपभोक्ता वस्तुओं को अधिक सुलभ बनाएगी और व्यापक उपभोग को प्रोत्साहित करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस कदम के लिए घोषणा भी की थी, जिसमें उन्होंने जीएसटी सुधारों के माध्यम से “दिवाली उपहार” का वादा किया था। त्योहारों का मौसम नज़दीक आने के साथ, सरकार के इस फैसले से घरेलू बजट पर असर पड़ने और उपभोक्ता खर्च में संभावित रूप से बढ़ोतरी होने की संभावना है।
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वित्त राज्य मंत्री ने कहा, पीएम मोदी के सत्ता में आने से पहले से ही जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया चल रही थी
जीएसटी परिषद ने एक सरलीकृत जीएसटी ढांचे को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत मौजूदा चार स्लैब को घटाकर 5% और 18% की दो दरें कर दिया गया है। महंगी कारों और तंबाकू जैसी चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की विशेष दर का प्रस्ताव है।
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