बिहार में दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को, 14 नवंबर को परिणाम की घोषणा।
सार: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव किरुप रेखा की तैयार कर दी है।इस विध्न सभा चुनाव में कुछ दिशा निर्देश भी शामिल है। जैसे कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या सीमित होगी। अधिकारी पहचान पत्र साथ रखेंगे। मोबाइल फोन बाहर जमा किए जा सकेंगे। वेबकास्टिंग पूरी होगी। ईवीएम मतपत्रों पर उम्मीदवारों की तस्वीरें होंगी। चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा। राजनीतिक गतिविधियां तेज होंगी।
नई दिल्ली: सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गयी। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनाव 6 और 11 नवंबर की तारिक की घोषणा कर दी। चुनाव दो चरणों में होंगे। मतगणना का परिणाम 14 नवंबर को शामिल है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि मतदान प्रक्रिया मतदाताओं के लिए “एक सुचारू और आरामदायक अनुभव” होगी। उन्होंने कहा कि बिहार भर में 1044 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिलाओं द्वारा किया जाएगा।
बिहार में दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को परिणाम की घोषणा 14 को की जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्तश्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जाएगा और मतदाताओं को डराने-धमकाने की बात, गुंडागर्दी हिंसा के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुनाव आयुक्त ने कहा, “चुनाव आयोग शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना चाहता है। इसके लिए मतदाताओं तथा सभी राजनीतिक दलों, और साथ में मीडिया कर्मियों से सहयोग की अपेक्षा करता है।”
बिहार में दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगी। “किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।”
श्री ज्ञानेश कुमार ने कहा, “एसआईआर के बाद अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को दे दी गई है। नामांकन दाखिल करने की तिथि के बाद जारी होने वाली मतदाता सूची अंतिम होगी।”
निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार चुनाव, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और पुष्टि (एसआईआर) के बाद पहला चुनाव होगा, जिसमें 68.5 लाख मतदाताओं के नाम हटाये गये तथा 21.5 लाख नये नाम जोड़े गये।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सुचारू मतदान सुनिश्चित करने के लिए “किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।”
रविवार को पटना में मीडिया को जानकारी देते हुए, ुंफोने कहा मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बूथ स्तर के अधिकारी पहचान की आसानी के लिए पहचान पत्र साथ रखेंगे और मतदाताओं के मोबाइल फोन बूथ के बाहर जमा किए जा सकेंगे। आगे कहा, “मतदाताओं के पास जाते समय बूथ स्तर के अधिकारियों की बेहतर पहचान के लिए पहचान पत्र जारी किए गए हैं। मोबाइल फोन बूथ के बाहर एक कमरे में जमा किए जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरे बिहार में लागू की जाएगी... हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग होगी।
ईवीएम में संसोधन ।
निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता बढ़ाने के लिए उनके डिजाइन और मुद्रण के लिए निर्वाचन संचालन नियम, 1961 के नियम 49बी के अंतर्गत अपने दिशानिर्देशों को भी संशोधित किया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ईवीएम मतपत्र पर उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन छपी होंगी और बेहतर दृश्यता के लिए उम्मीदवार का चेहरा तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से पर होगा। उम्मीदवारों के सीरियल नंबर और नोटा भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप में छपे होंगे, जिनका फ़ॉन्ट आकार स्पष्टता के लिए 30 के मोटे अक्षरों में होगा। उन्नत ईवीएम मतपत्रों का उपयोग आगामी चुनावों में किया जाएगा, जिसकी शुरुआत बिहार विधानसभा चुनावों से होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है।
जिसमें 243 सदस्यीय विधानसभा में,
- एनडीए के पास वर्तमान में 131 सीटें हैं,
- भाजपा के पास 80,
- जेडी(यू) के पास 45, हम (एस) के पास 4 और दो निर्दलीय हैं,
- जबकि महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं,
- जिनमें आरजेडी के पास 77,
- कांग्रेस के पास 19,
- सीपीआई(एमएल) के पास 11,
- सीपीआई(एम) के पास 2 और
- सीपीआई के पास 2 सीटें हैं।
चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही बिहार में राजनीतिक सरगर्मियाँ पहले से तेज होने की संभावना है, जिससे चुनावी मैदान में उतरे दिग्गजों को इस महत्वपूर्ण राज्य में महामुकाबला जीतने के लिए मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के प्रयास को और तेज करने पड़ेंगे।
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