आचार्य विद्यासागर महाराज एक प्रसिद्ध जैन मुनिवर और गुरु थे, उन्होंने शनिवार को अंतिम सांसे ली और समाधि में लीन हो गये
आचार्य विद्यासागर महाराज एक प्रसिद्ध जैन मुनिवर और गुरु थे, उनके निधन से पूरा देश शोकाकुल आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि,आधे दिन का अवकाश, स्वयं प्रधानमंत्री मोदी से शोक व्यक्त्त की जैन धर्म और जीवन के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि,आधे दिन का अवकाश
आचार्य विद्यासागर महाराज के देहावसान पर सरकार की ओर से आधे दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय आधा झुका हुआ रहेगा और राजकीय समारोह व कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सकेंगे।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स कर लिखा- “मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सम्मान मिला। मैं पिछले साल के अंत में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय, मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिठाए ‘ उनके लिए सौभग्य के डॉन थे।
प्रधान मंत्री जी X के माध्यम से
आचार्य विद्यासागर ने ली समाधि आधे दिन का अवकाश उन्होंने अनेक ग्रंथ लिखे, और प्रवचन भी दिए। उनका उद्देश्य मानव जीवन को शिक्षित और समर्थ बनाने के लिए ज्ञान और संस्कृति का प्रचार करना था। आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हुआ था। उनके प्रवचन और ग्रंथों में हिंदी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, जिससे उनकी विचारधारा और उपदेश हिंदी भाषा में भी समझ में आता है। उनकी व्याख्यान शैली सदैव पाठकों को प्रभावित करती है और उनका ज्ञान प्राप्त करने का सौभाग्य मिलता है।
आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि,आधे दिन का अवकाश:आचार्य विद्यासागर महाराज का असली नाम श्रीगुरुदेव चंद्रशेखरसूरी था। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1946 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के संधलपुर नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने जीवन का बड़ा हिस्सा जैन धर्म के आध्यात्मिक क्षेत्र में विनीत और त्यागशीलता भाव से बिताया। 17 .02 .24 को समाज से अलविदा कह दिया।
आचार्य विद्यासागर ने ली समाधि आधे दिन का अवकाश:उन्होंने अपने जीवन के दौरान अनेक ग्रंथों की रचना की, जिनमें जैन धर्म, ध्यान, अध्यात्म और विश्व शांति पर चर्चा है। उन्होंने अपने व्याख्यानों में साधारण भाषा का उपयोग किया और लोगों को जीवन में सच्ची संतोष, शांति और सामर्थ्य की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन किया।
उन्होंने अपने उच्च साधना और शिक्षा के माध्यम से विभिन्न समाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक मुद्दों पर गहरा प्रभाव डाला। आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि,आधे दिन का अवकाशउन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
कोरोना संक्रमण की वजह से इंदौर को मिला सौभाग्य
साल 2020 में जब आचार्य विद्यासागर इंदौर आए तो कोरोना की वजह से लाकडाउन लगा। इस वजह से इंदौर की जनता को गुरु का यह प्रेम और सानिध्य मिल पाया । जैन समाजजन कहते हैं कि गुरु के प्रति अपार स्नेह की वजह से इंदौर को यह सुख मिल पया।
चन्द्रगिरि तीर्थ में देह त्यागी
छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ (chandragiri dongargarh jain temple) में शनिवार देर रात 2:35 बजे श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया। दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य ने पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग किया। इसके बाद तीन दिन का उपवास लिया और अखंड मौन धारण कर लिया। इसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गए हैं। आज दोपहर 1 बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि होगी।आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि,आधे दिन का अवकाश।
पीएम मोदी मिलने पहुंचे थे
पिछले साल 5 नवंबर को पीएम मोदी (pm modi) ने डोंगरगढ़ पहुंचकर मुनि श्री का आशीर्वाद लिया था। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।
पहली फिल्म भी इंदौर में आई
आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि,आधे दिन का अवकाश:आचार्य विद्यासागर महाराज (Acharya Vidyasagar Maharaj) के जीवन पर बनी फिल्म ‘अंतर्यात्री महापुरुष-द वाकिंग गॉड’ का पहला शो भी इंदौर में रखा गया। इसके बाद इसका देशव्यापी प्रदर्शन हुआ। शिरोमणि क्रिएशंस के बैनर तले निर्मित इस फिल्म का पहला शो इंदौर के कस्तूर सिनेमा में लगा। फिल्म का प्रीमियर जयपुर के प्रसिद्ध राजमंदिर सिनेमाघर में हुआ था। इंदौर में फिल्म के तीन दिन के सभी शो हाउसफुल रहे थे।
दिगंबर जैन समाज के सबसे बड़े संत आचार्य विद्यासागर महाराज का अवतरण दिवस शरद पूर्णिमा पर होता है। इस दिन को इंदौर में भक्त हर्षोल्लास से मनाते हैं। इस अवसर पर शहरभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नेमीनगर जैन कॉलोनी में इस दिन दीपावली मनाई जाती है। कॉलोनी में आकर्षक दीप और विद्युत सज्जा कर घर के आंगन में रांगोली बनाई जाती है।