विमान दुर्घटना पायलटों के ग्रुप ने रिपोर्ट में पक्षपात का अंदेशा बताया पायलटों का समूह एयर इंडिया विमान दुर्घटना जांच का हिस्सा बनने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार कर रहा है
जाँच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट में पक्षपात की चिंताओं के बाद यह विचार विमान दुर्घटना आया है। ALPA-India इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। एसोसिएशन जाँच की पारदर्शिता और दिशा पर सवाल उठा रहा है।
पायलटों के समूह एएलपीए-इंडिया ने रविवार को कहा कि वह एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान दुर्घटना की जांच के दायरे में शामिल अपने सदस्यों को करने के लिए कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है। इससे एक दिन पहले उसने आरोप लगाया था कि एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत मिलता है। जिससे पायलटों का समूह संतुष्ट नहीं है।
विमान दुर्घटना पायलटों के ग्रुप ने रिपोर्ट में पक्षपात का अंदेशा बताया

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए-इंडिया) देश भर की एयरलाइनों और हेलीकॉप्टर कंपनियों के 800 से ज़्यादा पायलटों का प्रतिनिधित्व करता है।
यह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (आईएफएएलपीए) IFALPA का सदस्य है, जिसका दावा है कि 100 देशों के 1 लाख पायलट इसके सदस्य हैं।
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में, एएलपीए-इंडिया के प्रतिनिधि सोमवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
अध्यक्ष सैम थॉमस ने (एएलपीए-इंडिया के ) पीटीआई-भाषा को बताया, “एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट वेबसाइट पर डाल दी गई है। इस पर किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं। हम पारदर्शिता चाहते हैं। हमने जांच पैनल में अपना प्रतिनिधित्व मांगा था।”
सैम थॉमस ने ज़ोर देकर कहा हमारे सदस्यों के पास इस क्षेत्र में विशेषज्ञता है और वे एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जाँच कार्य को सुचारु करने में सार्थक योगदान दे सकते हैं। एसोसिएशन यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी उपाय पर विचार कर रही है कि उसके सदस्यों को जाँच दल का हिस्सा बनाया जाए।
विमान दुर्घटना पायलटों के ग्रुप ने रिपोर्ट में पक्षपात का अंदेशा बताया
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ लोगों का मानना है कि ईंधन स्विच किसी पायलट द्वारा काटे गए होंगे, इस धारणा को पायलट समूहों ने पुरज़ोर तरीके से खारिज कर दिया है। विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जून को हुई इस दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि उड़ान भरने के तुरंत बाद 1 सेकंड के अंतराल में इंजनों के ईंधन स्विच काटे गए और इससे एयर इंडिया की उड़ान AI 171 के कॉकपिट में अफरा-तफरी मच गई।
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विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने 12 जून को हुई दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि उड़ान भरने के तुरंत बाद 1 सेकंड के अंतराल में इंजन के ईंधन स्विच बंद हो गए और इससे एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171 के कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। इस दुर्घटना में 260 लोग मारे गए थे।
शनिवार को जारी 15 पृष्ठों की प्रारंभिक रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए कहा गया है कि एक पायलट ने पूछा कि स्विच क्यों बंद कर दिया गया, और दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।
एएलपीए-इंडिया ने शनिवार को एक बयान में कहा, “हम एक बार फिर इन जांचों से जुड़ी गोपनीयता पर आश्चर्यचकित हैं। हम इस तथ्य को भी दोहरा रहे हैं कि इन महत्वपूर्ण जांचों के लिए उपयुक्त रूप से योग्य कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है।”
इसमें कहा गया था, “हमारा मानना है कि जांच पायलटों के अपराध को मानकर की जा रही है और हम इस विचारधारा पर कड़ी आपत्ति जताते हैं।”
पिछले महीने, आईएफएएलपीए ने एएआईबी द्वारा की जा रही अहमदाबाद विमान दुर्घटना जांच में भारतीय नागरिक उड्डयन अधिकारियों को अपनी ‘तकनीकी विशेषज्ञता’ की पेशकश की थी।
एएआईबी के महानिदेशक जी वी जी युगंधर को लिखे पत्र में महासंघ ने कहा था कि वह विशेषज्ञ तकनीकी और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करने, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और जांचकर्ताओं के साथ मिलकर काम करने के लिए कर्मियों की पेशकश करने के लिए तैयार है।
एएआईबी द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय टीम इस दुर्घटना की जांच कर रही है, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर दुर्घटना के परिणामस्वरूप हुई पहली दुर्घटना है।
एएआईबी ने प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा, “अनुभवी पायलटों, इंजीनियरों, विमानन चिकित्सा विशेषज्ञों, विमानन मनोवैज्ञानिकों और उड़ान रिकॉर्डर विशेषज्ञों को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में जांच में सहायता के लिए विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया गया है।”
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