The air quality in Jahangirpuri was recorded at 498

जहांगीरपुरी में हवा गुणवत्ता बेहद खराब AQI 498 दर्ज किया गया

दिल्ली में हांगीरपुरी में हवा गुणवत्ता बेहद खराब AQI 498 दर्ज किया गया। 38 स्टेशनों पर ‘गंभीर’ स्थिति थी।

सोमवार 5 दिसंबर, 2025 को दिल्ली हमेशा की तरह घने स्मॉग की चादर से ढक गई, एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब दायरे सभी ऊपर (AQI) 498 पर पहुंच गया। 

दिल्ली के 38 स्टेशनों पर हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ रही , जबकि दो अलग स्टेशनों पर यह ‘बेहद खराब’ रही। जहांगीरपुरी में AQI लेवल 498 रिकॉर्ड किया गया, और सभी 40 स्टेशनों में सबसे खराब हवा की क्वालिटी थी।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, 0 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

दिल्ली में रविवार को AQI 461 तक पहुंच गया था, जो इस मौसम में शहर का सबसे प्रदूषित दिन था और रिकॉर्ड में दिसंबर का दूसरा सबसे खराब हवा की क्वालिटी का दिन था, क्योंकि कमजोर हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक सतह के करीब फंस गए थे।

वज़ीरपुर में हवा की गुणवत्ता  जांचने के दौरान अधिकतम संभव हवा की गुणवत्ता  इंडेक्स (AQI)  500 रिकॉर्ड की गयी, जिसके आगे सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) डेटा रजिस्टर नहीं करता है।

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रहने की संभावना बबनी हुई है। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (AQEWS) के अनुसार, अगले छह दिनों के लिए भी पूर्वानुमान के अनुसार ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में बनी रहेगी।

जहांगीरपुरी में हवा गुणवत्ता बेहद खराब AQI 498 दर्ज किया गया।

Air quality in Jahangirpuri was recorded at 498
15 दिसंबर दिन के 12 बजे दो अलग अलग जगहों की तस्वीर, स्मॉग की चादर में लिपटे ख़तरे की घंटी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार:

IMD के अनुसार, दिन का अधिकतम तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।

दिल्ली में अलग अलग जगहों पर जहरीली धुंध छाने के कारण साँस तथा विजुवल्टी, कम होनें के कारण   निर्माण कार्य पर भी रोकलगा दिया गया है।

दिल्ली और आस-पास के इलाकों में स्कूलों और क्लासें ऑनलाइन कर दी हैं और कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि भारतीय राजधानी खतरनाक हवा से जूझ रहाहै।

सोमवार सुबह, शहर में ज़हरीली धुंध छा गई, जिससे विज़िबिलिटी कम हो गई और फ्लाइट्स और ट्रेनें पर भी काफी असर हुआ।  

जहांगीरपुरी में हवा गुणवत्ता बेहद खराब AQI 498 दर्ज किया गया, जिससे इंसानी शरीर पर खासा असर। 

शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) – जो PM2.5, बारीक कण जो फेफड़ों को जाम कर सकते हैं, और दूसरे पॉल्यूटेंट्स को मापता है – वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा बताई गई लिमिट से 30 गुना ज़्यादा था। इस प्रकार के प्रदूषण के संपर्क में आने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, खासकर बच्चों और बुज़ुर्गों में।

पिछले कई वर्षों से ज़हरीली हवा दिल्ली की गुणवत्ता और उसके आस-पास के इलाकों में, खासकर सर्दियों में, एक आम समस्या बनी हुई है।

इस समस्या की वजहें हैं , जिसपर सरकार और प्रशाशन को गंम्भीरता से सोचने की जरुरत है। जैसे इंडस्ट्रियल एमिशन, गाड़ियों का धुआं, गिरता तापमान, हवा की कम स्पीड और पड़ोसी राज्यों में फसल के ठूंठ को जलाने का मौसम।

सरकार के सफर ऐप के अनुसार, सोमवार सुबह दिल्ली में औसत AQI 471 था।जहांगीरपुरी में हवा गुणवत्ता बेहद खराब AQI 498 दर्ज किया गया।

भारत का प्रदूषण निगरानी विभाग AQI लेवल को 101-200 को मॉडरेट, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 400 से ऊपर किसी भी लेवल को गंभीर मानता है। सरकारी ऐप रीडिंग को 500 पर सीमित कर देते हैं, जबकि प्राइवेट और इंटरनेशनल मॉनिटर अक्सर इससे कहीं ज़्यादा लेवल रिकॉर्ड करते हैं।

एक दिन और पीछे जाएँ तो, शनिवार से हवा की क्वालिटी में अचानक गिरावट आई है, जबकि पिछले हफ़्ते राजधानी में कुछ सुधार दिखा था – जब यह “खराब” और “बहुत खराब” के बीच था।

रविवार को, भारत के कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने प्रदूषण से निपटने के लिए अपने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के सबसे ऊंचे लेवल को लागू किया, जिससे प्लान का “लेवल III” से बढ़ाकर “लेवल IV” कर दिया गया।

नतीजतन, पुराने डीज़ल ट्रकों को दिल्ली में घुसने से रोक दिया गया है, कंस्ट्रक्शन का काम रोक दिया गया है, और स्कूलों को हाइब्रिड क्लास शुरू करने के लिए कहा गया है, जिसमें छोटे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करनी होगी।

भारत की सुप्रीम कोर्ट ने भी रविवार को एक सर्कुलर जारी कर वकीलों और मुवक्किलों को सुनवाई के लिए वर्चुअली पेश होने की सलाह दी।

CAQM ने कहा कि प्रदूषण में यह ताज़ा गिरावट ज़्यादा नमी और हवा की दिशा में बदलाव के कारण हुई, जिससे प्रदूषकों का फैलाव कम हुआ और स्मॉग बनने को बढ़ावा मिला।

केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत के दौरान  में संसद को बताया कि 2022 और 2024 के बीच दिल्ली के छह 6 सरकारी अस्पतालों में सांस से संबबंधित  गंभीर बीमारियों के 200,000 से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए, क्योंकि राजधानी प्रदूषण के मार स्तर से जूझ रही थी।

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