खुद को धर्मगुरु बताने वाले स्वामी पर दिल्ली के एक प्रबंधन संस्थान में 17 से अधिक छात्राओं के साथ चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के लिए शिकंजा कैसे गहराया।
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में स्थित वसंत कुंज इलाके में एक निजी प्रबंधन संस्थान के अध्यक्ष जो धर्मगुरु के नाम से जाने जाते हैं स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती हैं। कर्नाटक के श्रृंगेरी में श्री शारदा पीठम द्वारा संचालित संस्थान की 17 से अधिक छात्राओं का यौन शोषण उत्पीड़न मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, को डॉ. पार्थसारथी के नाम से भी जाना जाता है, पर श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के छात्रों द्वारा अगस्त में शिकायत दर्ज करववाई थी। सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध पर पहले भी मामलों में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।
चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के लिए शिकंजा कैसे गहराया। चैतन्यानंद सरस्वती 17 से अधिक छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) अमित गोयल ने बताया कि कॉलेज प्रशासक ने 4 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी. उनका खन था कि चैतन्यानंद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बच्चियों को (EWS) छात्रवृत्ति के तहत पढ़ाई कर रही छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया जा रहा है। इस बात का पता पीए मुरली की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर के अनुसार, प्रशासन को छेड़छाड़ के मामलों का पता तब चला जब वे सरस्वती के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की जाँच कर रहे थे।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक पूर्व छात्रा द्वारा भेजे गए पत्र और भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन द्वारा संस्थान को भेजे गए ईमेल से चैतन्यानंद सरस्वती और तीन महिला कर्मचारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला उजागर हुआ।
चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के लिए शिकंजा कैसे गहराया। संसथान की पूरी जानकारी।
नौ 9 राज्यों में फैला आश्रमों और शैक्षणिक संस्थानों वाला एक संगठन है। सरस्वती सस्थान का प्रमुख था जो स्नातकोत्तर प्रबंधन डिप्लोमा प्रदान करता है और श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम से संबद्ध रखता है।
एफआईआर के अनुसार, (FIR) इस साल की शुरुआत में दक्षिण दिल्ली के संस्थान से स्नातक करने वाली एक पूर्व छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा था जिसकी प्राप्त सूचना 28 जुलाई का, 31 जुलाई को प्राप्त हुआ। जिसमें चैतन्यानंद महिला छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न कर रहे थे। का आरोप लगाया गया था।
पूर्व छात्रा के पत्र के बाद, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन ने एक ईमेल भेजकर बताया कि उन्हें महिला छात्राओं से दुर्व्यवहार की विस्तृत शिकायतें मिली हैं। रिपोर्ट के अनुसार, संस्थान ने अपने बयान में इसकी पुष्टि की है।
चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के लिए शिकंजा कैसे गहराया।
अखबार ने बयान का हवाला देते हुए बताया, गया कि “1 अगस्त को ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी से एक ईमेल प्राप्त हुआ… जसके हवाले से बताया गया कि उन्हें छात्रों से विभिन्न शिकायतें और अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती द्वारा जबरन छात्रों के प्रति विभिन्न मनमाने फैसले जिसमें छात्राओं को अजीब समय पर व्हाट्सएप संदेश भेजना भी शामिलथा।”
इन दो पत्रों के बाद, संस्थान की शासी परिषद ने कथित तौर पर 3 अगस्त को 30 से ज़्यादा छात्राओं के साथ एक वर्चुअल बैठक बुलाई।
एफआईआर में तीन महिला कर्मचारियों के भी नाम भी शामिल है
एफआईआर में एसोसिएट डीन समेत तीन महिला कर्मचारियों के भी नाम शामिल हैं, जिन पर छात्राओं पर सरस्वती के दबाव में आकर उनके खिलाफ की गई शिकायतों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया गया है।
एफआईआर में कहा गया है कि संस्थान के ज़्यादातर छात्र या तो आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग से ताल्लुकात रखती हैं या सशस्त्र बलों के अधिकारियों के बच्चे हैं।
इस बीच, कर्नाटक के श्रृंगेरी स्थित श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम ने एक सार्वजनिक बयान जारी कर खुद को उनसे अलग कर लिया है।
इस घटना का खुलासा IAF ग्रुप कैप्टन के एक ईमेल ने ‘धर्मगुरु’ चैतन्यानंद सरस्वती के यौन उत्पीड़न कांड का पर्दाफाश कर दिया।
पुलिस ने बताया कि उन्हें संस्थान के बेसमेंट में सरस्वती द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ी के एक जाली राजनयिक नंबर प्लेट वाली वोल्वो कार – 39 यूएन 1 – भी मिली है।
अधिकारी ने कहा, “हमने 25 अगस्त को दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं – एक यौन उत्पीड़न का और दूसरा जाली नंबर प्लेट का। हमारी टीमें उसकी तलाश कर रही हैं और सभी महत्वपूर्ण सुरागों को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं।”
वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला है।अब चैतन्यानंद फरार है।
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