राहुल के खिलाफ कांग्रेस ने कहा- हाथापाई की फुटेज सार्वजनिक करें भाजपा ने राहुल, खड़गे के खिलाफ नोटिस दिया
संसद परिसर में हुई हाथापाई के बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने मामले को अपनी अपराध शाखा को सौंप दिया है।
अपराध शाखा का अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ (आईएससी) गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करेगा। यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत दर्ज की गई है। इसमें स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना, आपराधिक बल का प्रयोग और आपराधिक धमकी शामिल है।
कांग्रेस की शिकायत की जांच क्राइम ब्रांच करेगी
संजय कुमार सैन डीसीपी (क्राइम) ने कहा, “रमेश लांबा (एसीपी) के नेतृत्व में एक टीम मामले की जांच करेगी।”
बताया जा रहा है कि अपराध शाखा को शुक्रवार रात करीब आठ बजे मामले से संबंधित दस्तावेज प्राप्त हुए।
भाजपा और कांग्रेस ने गुरुवार को संसद मार्ग थाने में एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं। शुक्रवार को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला तेज करते हुए कहा कि संसद के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी पार्टी ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी।
कांग्रेस की शिकायत की जांच क्राइम ब्रांच करेगी
बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने वाली टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री शाह के इस्तीफे की मांग को दोहराई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा शाह से माफी मांगने को कहा। कांग्रेस ने गुरुवार को हुई हाथापाई की सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक करने की मांग की।
सत्र के समापन के बाद लोकसभा के कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष ओम बिरला के साथ पारंपरिक चाय बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया, जबकि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के उच्च सदन के सदस्यों ने जगदीप धनखड़ (सभापति) के साथ चाय पर चर्चा में भाग लिया।
सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद दोनों सदनों में कांग्रेस के उपनेताओं गौरव गोगोई (लोकसभा) और प्रमोद तिवारी (राज्यसभा) द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिवारी ने कहा, “लोकतंत्र में अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ।
यह सदन में पहली बार है कि पहले सप्ताह में सदन की कार्यवाई सत्ताधारी दल ने सदन को चलने नहीं दिया।” ” प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया गया तथा संसद को घेर लिया गया,, हमें सदन के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने अपने पोस्टरों में लाठी लगा दी… फुटेज मौजूद है। उन्हें सदन में प्रवेश करने से रोका गया और हमारे 83 वर्षीय राज्यसभा के विपक्ष के नेता को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया गया। यह पहली बार था जब विपक्ष को संसद में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
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हमारी मांग है कि हर सेकंड, हर इंच की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की जाए। जब यह जारी होगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि हमें अंदर जाने नहीं दिया गया।” तिवारी ने पूछा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा भाजपा के साथ ही शिकायत दर्ज कराने के बावजूद एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई। उन्होंने कहा, “उनकी एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन हमारी नहीं। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है।”
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कांग्रेस ने कहा कि जिस 12 सेकंड के दौरान शाह ने अंबेडकर के खिलाप टिप्पणी की, “उससे भाजपा को भारी नुकसान होगा।”
दूसरी ओर, भाजपा ने राहुल गांधी पर शाह का “संपादित” भाषण दिखाने और “लोगों में तनाव पैदा करने” का आरोप लगाया। इसने गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। निशिकांत दुबे (भाजपा सांसद) ने लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को विशेषाधिकार हनन करने का नोटिस सौंपा।
दुबे द्वारा अध्यक्ष को भेजे पत्र में दुबे ने कहा कि गांधी ने सोशल मीडिया, के द्वारा कहा कि, राज्यसभा में गृहमंत्री शाह के भाषण का एक “संपादित” संस्करण साझा किया गया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य देश की गरिमा को कम करना है और जनता की भावनाओं को भड़काना तथा संसद को भंग करना है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे भाजपा के विशेषाधिकार नोटिस के बारे में पूछा गया, तो संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि खड़गे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला इसलिए लाया गया है क्योंकि उन्होंने लोगों को “गुमराह” करने और “गलत सूचना” देने के लिए एक्स पर शाह के भाषण की एक क्लिप साझा की थी।