कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे विजय शाह अभी सत्ता में बने रहेंगे।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार अदालत के फैसले का पालन करेगी, कांग्रेस को इस मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ देर रात तक चली बैठकों के बाद सत्तारूढ़ पार्टी ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह का समर्थन करने का निर्णय लिया है।आलोचनाओं का सामना कर रहे विजय शाह अभी सत्ता में बने रहेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संकेत दिया है कि मंत्रिमंडल से उनके इस्तीफे की कोई योजना नहीं है।
सीएम ने भोपाल में कहा, “इस मुद्दे पर मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि माननीय न्यायालय ने अपना आदेश दिया है और हमारी सरकार ने उसके फैसले का पालन किया है। कांग्रेस को भी सिद्धारमैया का इस्तीफा मांगना चाहिए। हम न्यायालय के फैसले पर चलते रहेंगे। कांग्रेस के ज्यादातर मंत्रियों पर मुकदमे दर्ज हैं।
आलोचनाओं का सामना कर रहे विजय शाह अभी सत्ता में बने रहेंगे, हलोकि उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके लिए माफ़ी मांगी थी।
मैं विजय शाह, हाल ही में मेरे दिए गए बयान से, जो हर समाज की भावनाएँ आहत हुई हैं, उसके लिए मैं दिल से न केवल शर्मिंदा हूँ, दुखी हूँ, बल्कि माफ़ी चाहता हूँ।
हमारे देश की बहन सोफिया कुरैशी जी ने राष्ट्र धर्म निभाते हुए जाति और समाज से ऊपर उठकर, उन्होंने काम किया है। pic.twitter.com/0qhO895ahl
— Dr. Kunwar Vijay Shah (@KrVijayShah) May 14, 2025
उनका कहना था कि ‘कांग्रेस सिर्फ बयानबाजी कर सकती है। कांग्रेस ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया था। वह ऐसे मुख्यमंत्री थे जो जेल गए, उस समय कांग्रेस कहां थी? कांग्रेस को इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने बेशर्मी की हदें पार की हैं।”
भाजपा सूत्रों ने बताया कि सीएम यादव, प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और संगठन महासचिव हितानंद शर्मा समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बुधवार रात इस मुद्दे पर चर्चा की, है। “नेता इस बात के आपसी सहमति पर पहुंचे कि हाईकोर्ट ने विजय शाह के इस्तीफे की अभी तक मांग नहीं की है, इसलिए इस पर जोर देने की जरूरत नहीं है।”
वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस शाह के इस्तीफे को जीत के रूप में पेश करने की कोशिश करेगी।
पार्टी के एक नेता ने महात्मा गांधी पर प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी का उदाहरण देते हुए कहा, “कांग्रेस के निशाने पर कई मंत्री होंगे। ऐसी स्थिति में भाजपा को दबाव में नहीं आना चाहिए।”
आलोचनाओं का सामना कर रहे विजय शाह अभी सत्ता में बने रहेंगे
एक अन्य नेता ने कहा, “इस बात पर आम सहमति थी कि वह एक वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं और उन्हें हटाने से भविष्य में पार्टी को नुकसान हो सकता है। यह एक घटिया बयान था, लेकिन उनका मतलब सांप्रदायिक नहीं था…” 12 मई को शाह ने मऊ में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को “अपनी बहन” का इस्तेमाल करके सबक सिखाया। हालांकि उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वह कर्नल सोफिया कुरैशी का जिक्र कर रहे थे।
बाद में शाह ने अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “मेरे भाषण को किसी दूसरे संदर्भ में न देखें। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मेरा भाषण उस संदर्भ में नहीं है। वे हमारी बहनें हैं और उन्होंने सशस्त्र बलों के साथ मिलकर बड़ी ताकत से बदला लिया है।”
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उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ एफआईआर और अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया है।
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