17 छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न की जांच के दायरे में आ चुके धर्मगुरु चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के बाद बड़े झूठ का पर्दाफाश। धोखाधड़ी में भी लिप्त चैतन्यानंद।
चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के आलावा वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी जैसे मामलों का आरोप है और 17 छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न की जांच चल रही है। दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती के पास से दो 2 फर्जी दस्तावेज पहचान पत्र बरामद किए हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सरस्वती ने कथित तौर पर खुद को उच्च पदस्थ अंतरराष्ट्रीय राजनयिक बताने की कोशिश की थी।
एएनआई के अनुसार पुलिस के हवाले से बताया कि नकली विजिटिंग कार्ड में से एक में दावा किया गया था कि वह “संयुक्त राष्ट्र में स्थायी राजदूत” है, और दूसरे में उसे “भारत का विशेष दूत” और ब्रिक्स देशों के संयुक्त आयोग का सदस्य बताया गया था।

धर्मगुरु चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के बाद बड़े झूठ का पर्दाफाश
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दोनों पहचान पत्र पूरी तरह से फर्जी थे। सिर्फ अपना दबदबा और वैश्विक प्रभाव बनाने के लिए राजनयिक स्थिति का झूठा प्रदर्शन करने के लिए बनाए गए थे।
सरस्वती पर वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी का भी आरोप है । दक्षिण दिल्ली के एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी जाँच चल रही है। पहले सरस्वती फरार था किन्तु, अब उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है।
चैतन्यानंद सरस्वती गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने बताया कि स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती को रविवार सुबह उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम ने सरस्वती (62) को आगरा से लाया गया, जहाँ वह एक होटल में ठहरे हुए थे।
धर्मगुरु चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के बाद बड़े झूठ का पर्दाफाश
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “सरस्वती को पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की गई थीं। इनपुट के आधार पर हमने उसे आगरा के ताजगंज इलाके में एक होटल में ट्रैक किया और रविवार तड़के करीब 3.30 बजे उसे वहां से दबोच लिया गया।” उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद 4 अगस्त को वह दिल्ली से भाग गया था।
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स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला गहराया।
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित एक प्रबंधन संस्थान के पूर्व अध्यक्ष सरस्वती के ऊपर आरोप है कि वे छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में आने के लिए मजबूर करते थे और उन्हें बेवक्त मैसेज संदेश भेजते थे। कथित तौर पर वे अपने फोन के जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर नज़र रखते थे।
अधिकारी नेऔर भी बताया कि जांच के दौरान पता चला कि चैत्यानन्द ने कई बैंक खातों को एक साथ संचालित करने के लिए अलग-अलग नामों और विवरणों का इस्तेमाल किया और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 50 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली।
इससे पहले पुलिस ने सरस्वती से जुड़े 8 करोड़ रुपये जब्त कर लिए थे, जो कई बैंक खातों और सावधि जमाओं में जमा थे। यह पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा थे।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्होंने यहां एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था, को रविवार (28 सितंबर, 2025) तड़के आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया। खुद को छिपाने के लिए उसने छिपने के लिए 15 लोकेशन बदले।
पीड़ितों में से एक के दोस्त ने पीटीआई को बताया, “उसने पहले छात्रों को चिह्नित किया और उनसे अपने फ़ोन जमा करने को कहा ताकि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।” “इससे डर का माहौल पैदा हो गया, क्योंकि हर छात्र का करियर यहीं अटका हुआ था।”
कोर्ट ने शुक्रवार को, दिल्ली की एक अदालत ने धोखाधड़ी, जालसाजी और साज़िश के एक मामले में सरस्वती की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने कहा कि “धोखाधड़ी की पूरी कड़ी” का पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ ज़रूरी है और साथ ही यह भी कहा कि आरोपी का पता नहीं चल पाया है।
अदालती दस्तावेज़ों में बताया गया है कि कैसे सरस्वती ने कथित तौर पर श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च और श्रृंगेरी स्थित एक धार्मिक संस्था के धन को अपने फायदे के लिए और संपत्तियों को इधर-उधर करने के लिए एक धोखाधड़ी वाला ट्रस्ट बनाया। अब वो पुलिस के गिरफ्त में है।
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