Modi talked about India's economic stability in Japan

प्रधानमंत्री मोदी जापान में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर जोर

अमेरिकी टैरिफ के बाद, प्रधानमंत्री मोदी जापान में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर जोर देते हुए भारत जापान में बताया भारत शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

टोक्यो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का बखान करते हुए कहा कि भारत शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता, नीति में पारदर्शिता, पूर्वानुमानशीलता है और यह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब दो दिन पहले ही अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना कर 50 प्रतिशत तक कर दिया था। अमेरिका ने यह टैरिफ नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल खरीदने के कारण लगाया था – जो कि ब्राजील के बराबर अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों में सबसे अधिक दंडनीय दर है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस कदम से विकास और नौकरियों को नुकसान हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी जापान में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर जोर

Modi talked about India's economic stability in Japan
अमेरिकी टैरिफ के बाद, प्रधानमंत्री मोदी जापान में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर जोर देते हुए भारत जापान में बताया भारत शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

टोक्यो में भारत-जापान आर्थिक मंच में मोदी ने कहा, “आज भारत में राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक स्थिरता, नीतियों में पारदर्शिता और पूर्वानुमानशीलता है। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। और बहुत जल्द, यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है।”

प्रधानमंत्री मोदी जापान में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर जोर

मोदी ने कहा कि भारत में पूंजी सिर्फ़ बढ़ती नहीं, बल्कि कई गुना बढ़ती है। उन्होंने कहा, “आप सभी पिछले 11 वर्षों में भारत में हुए विकास और परिवर्तन से अवगत हैं… हम वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 18% का योगदान करते हैं और हमारे बाज़ार मज़बूत रिटर्न दे रहे हैं। सुधार, परिवर्तन और प्रदर्शन का हमारा दृष्टिकोण इस सारी प्रगति को गति दे रहा है।”

मोदी ने कहा। जेट्रो (जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) का कहना है कि 80 प्रतिशत कंपनियाँ भारत में विस्तार करना चाहती हैं। 75 प्रतिशत कंपनियाँ मुनाफ़ा कमा रही हैं। भारत में पूँजी सिर्फ़ बढ़ती ही नहीं, बल्कि कई गुना बढ़ जाती है।”

मोदी ने भारत-जापान साझेदारी को “रणनीतिक और स्मार्ट” बताया। उन्होंने कहा, “आर्थिक तर्क से प्रेरित होकर, हमने साझा हितों को साझा समृद्धि में बदल दिया है। भारत जापानी व्यापार के लिए वैश्विक दक्षिण में एक स्प्रिंगबोर्ड है। हम सब मिलकर एशियाई सदी को स्थिरता, विकास और समृद्धि की दिशा में आकार देंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जापान हमेशा से भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है। मेट्रो से लेकर विनिर्माण, सेमीकंडक्टर से लेकर स्टार्ट-अप तक, हमारी साझेदारी विश्वास का प्रतीक रही है। जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। पिछले दो वर्षों में 13 अरब डॉलर का निजी निवेश हुआ है।”

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मोदी ने यह भी कहा कि इस विकास के पीछे भारत का “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” का दृष्टिकोण है, और उन्होंने जीएसटी और व्यापार सुगमता के लिए सुधारों जैसी प्रमुख योजनाओं पर प्रकाश डाला।

मोदी ने टोक्यो में कहा, “इस बदलाव के पीछे हमारा सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का दृष्टिकोण है। 2017 में हमने एक राष्ट्र एक कर की शुरुआत की थी; अब हम इसमें नए सुधार ला रहे हैं। हमने व्यापार सुगमता को महत्व दिया है। हमने व्यवसायों के लिए एकल-खिड़की अनुमोदन की व्यवस्था की है।”

प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय जापान यात्रा पर
मोदी शुक्रवार सुबह टोक्यो पहुँचे और 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की।

यह लगभग सात वर्षों में जापान की उनकी पहली एकल यात्रा है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करना और जापान के साथ विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाना है।

यह यात्रा जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर हो रही है। शिखर सम्मेलन के दौरान, मोदी अपने जापानी समकक्ष के साथ गहन चर्चा करेंगे, विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

जापान यात्रा के बाद, वह 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे

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