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अमित शाह केवल भारत सरकार राज्य का दर्जा बहाल कर सकते हैं

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के वादे को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी परअमित शाह का तंज, केवल भारत सरकार राज्य का दर्जा बहाल कर सकते हैं

गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को निशाना साधते हुए कहा कि “केवल भारत सरकार और (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कर सकते हैं” और उन्होंने खुद अगस्त 2019 में संसद को आश्वासन दिया था कि विधानसभा चुनावों के बाद उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा अभियान की शुरुआत करते हुए कहा। 

 

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आजादी के बाद पहली बार, जम्मू और कश्मीर के मतदाता दो झंडों के नीचे नहीं, बल्कि एक झंडे – तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे इमेज आभार PTI

अमित शाह केवल भारत सरकार राज्य का दर्जा बहाल कर सकते हैं. …राहुल बाबा क्यूँ मुर्ख बना रहे हो,जनता को।

बातों का जबाबी तंज जब आया, जब राहुल गाँधी ने भाषण में कहा, सभी को साथ मिलकर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की जिम्मेवारी है। जबाब में शाह ने कहा केवल भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ही  राज्य का दर्जा बहाल कर सकते है। 

उन्होंने कहा। “शाह ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक रैली में कहा कि ये चुनाव “ऐतिहासिक” होने जा रहे हैं – अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से पहला विधानसभा चुनाव, जिससे तत्कालीन राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। “आजादी के बाद पहली बार, जम्मू और कश्मीर के मतदाता दो झंडों के नीचे नहीं, बल्कि एक झंडे – तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे। पहली बार मतदान दो संविधानों के तहत नहीं, बल्कि बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए भारत के संविधान के तहत होगा,” 

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क्या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जम्मू प्रांत में 2014 के चुनावी प्रदर्शन को दोहरा पाएगी? संभावना और असंभव दोनों ही है। एक तरफ, माना जाता है कि हिंदू बहुल इलाकों में उन्हें अभी भी काफी समर्थन हासिल है। दूसरी तरफ, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस क्षेत्र में फिर से जान फूंकी है और अपने प्रमुख सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर वे महत्वपूर्ण बढ़त बनाने के लिए तैयार हैं।

शाह ने आगे कहा कि यह संयोग ही है कि भाजपा की पहली चुनावी रैली गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर शुरू हुई। उन्होंने कहा, “आगामी विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक हैं। देश की आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे।” केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि आतंकवाद के कारण कश्मीर घाटी को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, जबकि पिछली सरकारों ने इस ओर आंखें मूंद ली थीं।

अमित शाह केवल भारत सरकार राज्य का दर्जा बहाल कर सकते हैं, जम्मू के लोगों को यह तय करना है कि उन्हें आतंकवाद चाहिए या शांति, विकास।” 

उन्होंने कहा कि, “ऐसे लोग हैं जो छवी बदलकर  यहां आकर मुख्यमंत्री बन जाते थे और जब आतंकवाद होता था, जो आतंकवाद को बढ़ावा मिला, दिल्ली जाकर कॉफी बार में कॉफी भी पीते थे।” उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस क्षेत्र में आतंकवाद को 70% तक कम करने का काम किया है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आप देख सकते हैं कि अमरनाथ यात्रा ‘निडरता’ से की जा रही है।

अम्न और शांति के बात पर भी कहा, “कई वर्षों के बाद घाटी में नाइट थियेटर शुरू हुआ, घाटी में ताजिया जुलूस निकाला गया। जम्मू-कश्मीर के लोगों को, खासकर जम्मू के लोगों को यह तय करना है कि उन्हें आतंकवाद चाहिए या शांति, विकास।” अमित शाह ने कहा कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता में आती है, तो ‘आतंकवाद बढ़ेगा’। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार बनाती है, तो कोई भी इस क्षेत्र में घुसपैठ नहीं कर सकता।

सुनिए: अमित शाह की बातें 

केंद्रीय गृह मंत्री कमल पार्टी के चुनाव अभियान को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय दौरे पर जम्मू में हैं।क्रवार को शाह ने आगामी चुनावों के लिए पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी किया।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने कुल 25 बड़े वादे किए हैं, जिनमें पंडितों और आतंकवाद के खात्मे पर तथा महिलाओं, युवाओं, कश्मीरी  मुख्य ध्यान दिया गया है।

जरुर पढ़ें: जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना सामूहिक जिम्मेदारी

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। केंद्र शासित प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से सात सीटें अनुसूचित जातियों और नौ सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 88.06 लाख मतदाता हैं

Q. जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव की तारीख कब है?

Ans.जम्मू-कश्मीर में  विधानसभा चुनाव 18, 25 सितंबर को वाली और 1 ऑक्टूबर को होने वाली है। 

 

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