PM Modi is on a five-nation visit from July 2-9

प्रधानमंत्री मोदी 2-9 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर है

भारत के प्रधानमंत्री मोदी 2-9 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर है, जिसमें वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल है ।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों की ऐतिहासिक यात्रा के लिए रवाना हुए है जहाँ आज से यात्रा की शुरुआत है, जिसमें 2 से 9 जुलाई के बीच घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्राएं शामिल हैं। इस व्यापक यात्रा का  वैश्विक उद्देश्य दक्षिण के साथ भारत के गहरे सम्बन्ध को बढ़ाना और अटलांटिक के पार मजबूत साझेदारी बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है।

इस यात्रा का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के साथ भारत के संबंधों को और प्रगाढ़ तथा मजबूत करना है, जिसमें निवेश, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना शामिल है। मोदी नेताओं से मिलेंगे और संसदों को संबोधित करेंगे, जिससे आधार पर बहुपक्षीय मंचों और साझेदारी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि होगी।

प्रधानमंत्री मोदी 2-9 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर है

प्रधानमंत्री ने अपने प्रस्थान से पहले संदेश में कहा, “मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से वैश्विक दक्षिण में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे, अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी तथा ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।”

प्रधानमंत्री मोदी 2-9 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर है। उनका पहला पड़ाव घाना है।

प्रधानमंत्री मोदी का पहला पड़ाव घाना है, 30वर्षों के अंतराल की यह यात्रा है, जहां राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा उनकी मेजबानी करेंगे। 2-3 जुलाई की यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा, “घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”

प्रधानमंत्री घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे – इस कदम को उन्होंने साथी लोकतंत्रों के रूप में दोनों देशों के लिए “सम्मान” बताया।

प्रधानमंत्री 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा करेंगे।

इसके बाद पश्चिम अफ्रीका में प्रधानमंत्री मोदी जाएंगे 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा करेंगे। कैरेबियाई राष्ट्र को एक ऐसा देश बताते हुए जिसके साथ भारत का “गहरा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों का जुड़ाव” है

प्रधानमंत्री मोदी ने वहाँ वह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मिलेंगे, उन्होंने हल में ही अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया है। कहा जा रहा है, कि इस साल वहां पहले भारतीयों के आने के 180 साल पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नें कहा, “यह यात्रा हमें पूर्वजों और रिश्तेदारों के विशेष बंधनों को फिर से जीवंत करने का अवसर प्रदान करेगी जो हमें एकजुट करती है।”

पांच से अधिक प्रतिनिधियों की अर्जेंटीना की पहली यात्रा

लगभग 5 दशकों में अर्जेंटीना की पहली यात्रा होगी इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ब्यूनस आयर्स जाएंगे, जो 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। पीएम मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली से मिलने वाले हैं, जिनके साथ उन्होंने पिछले साल एक बैठक की थी।अर्जेंटीना, जिसे “लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी20 में एक करीबी सहयोगी” के रूप में वर्णित किया गया है, यहाँ  कृषि से लेकर ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग को गहरा करने की उम्मीद है।

ब्राज़ील में महत्वपूर्ण ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

यात्रा में शामिल ब्राज़ील चरण में 6-7 जुलाई के नंबर पर है, जहाँ को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेना शामिल है, जिसके बाद ब्रासीलिया की द्विपक्षीय राजकीय यात्रा होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं।” यह यात्रा लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ब्रासीलिया यात्रा होगी, जिसमें राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ साझा वैश्विक दक्षिण प्राथमिकताओं पर बातचीत शामिल होगी।

यह दौरा नामीबिया में समाप्त होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलेंगे। दोनों देशों को जोड़ने वाले “उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष के साझा इतिहास” पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी, क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मना रहे हैं।”

प्रधानमंत्री की यात्रा को वैश्विक दक्षिण में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका की पुष्टि करने तथा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका दोनों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक साझा महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास होगा। 

 

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