Police tension over illegal mosque in Sanjuli, Shimla

शिमला के संजुली में अवैध मस्जिद को लेकर पुलिस के बीच तनाव

शिमला के संजुली में अवैध मस्जिद को लेकर पुलिस के बीच तनाव प्रदर्शनकारियों और पुलिस में भिड़ंत की स्थिति पैदा हुई।

शिमला के संजुली में अवैध मस्जिद को लेकर पुलिस के बीच तनाव प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स गिरा दिए और सुरक्षाकर्मियों को सड़क पर नियंत्रण करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का सहारा लेना पड़ा।

संजौली इलाके में एक विवादित मस्जिद को लेकर बुधवार को शिमला में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। 14 साल तक अदालत में मामला चलने के बावजूद मस्जिद स्थल पर अतिरिक्त मंजिलों के निर्माण के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारी फिर से मैदान में उतरे। मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे स्थानीय लोगों की विरोध मार्च के दौरान पुलिस से झड़प हो गई।

शिमला के संजुली में अवैध मस्जिद को लेकर पुलिस के बीच तनाव, क्फ बोर्ड ने शिमला की एक अदालत को बताया कि वह संजौली में विवादित मस्जिद का मालिक है।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स गिरा दिए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों को “हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है” और “भारत माता की जय” का नारा भी लगाते हुए सुना गया।

Police tension over illegal mosque in Sanjuli, Shimla
बिना मंजूरी के निर्माण शुरू संजौली स्थित एक मस्जिद में अतिरिक्त मंजिलों के कथित अवैध निर्माण के विरोध शिमला के पब्लिक कर रही है PTI

यह प्रदर्शन मार्च संजौली स्थित एक अवैध निर्माणनाधिन मस्जिद के अतिरिक्त मंजिलों के कथित विरोध में इलाके के सभी हिन्दू समाज नें बुलाया गया था। मस्जिद में अतिरिक्त मंजिलों के बढ़ते तनाव  को लेकर और कुछ हिंदू संगठनों नें  बंद के आह्वान के बाद स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में मंगलवार को जारी कानूनी मदंडों का उल्लंघन किया। जिस कारण पुलिस और प्रदर्शन करी में भिड़ंत हो गया। 

शिमला के संजुली में अवैध मस्जिद को लेकर पुलिस के बीच तनाव

  शुरुआत में इस महीने में  हिमाचल के ग्रामीण मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में यही मुद्दा उठाया था   उन्होंने कहा था, कि राज्य में अवैध प्रवासियों की बाढ़ सी आ गई है और बांग्लादेश तथा रोहिंग्या लोग हर दिन आ रहे हैं। शिमला के लोकल लोगों को परेशान भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जिस मस्जिद के बारे में उन्होंने कहा था कि वह सरकारी जमीन पर है, उसे क्यों नहीं गिराया गया।

अनिरुद्ध जी नें संजौली मस्जिद के निर्माण की जांच की मांग की गई ,उन्होंने कहा कि बिना मंजूरी के निर्माण शुरू किया गया था। उन्होंने यह बात विधानसभा में कहा, “यह एक अवैध ढांचा था। पहले एक मंजिल बनाई गई, फिर बाकी मंजिल बनाई गई।” उन्होंने बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के बारे में स्पष्ट संदर्भ में कहा, “उन्हें अवैध गतिविधियों में शामिल होने की आदत है। उन्होंने 5 मंजिला मस्जिद बनाई। इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए।”

शिमला के संजुली में अवैध मस्जिद को लेकर पुलिस के बीच तनाव

मंत्री ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि मस्जिद 1960 से वहां थी। उन्होंने कहा कि निर्माण 2010 में ही शुरू हुआ था। “मेरे पास सभी रिकॉर्ड हैं और मैं इसे सदन के सामने रखूंगा। मामला 2010 में चल रहा था। आश्चर्य की बात यह है कि 2019, चार अतिरिक्त मंजिलों का अवैध निर्माण पहले ही पूरा हो चुका था।”

उनकी टिप्पणियों के कुछ दिनों बाद, वक्फ बोर्ड ने शिमला की एक अदालत को बताया कि वह संजौली में विवादित मस्जिद का मालिक है। हालाँकि, बोर्ड ने कहा कि विवाद केवल अतिरिक्त मंजिलों के निर्माण को लेकर था। दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने वक्फ बोर्ड से पूछा कि मूल एक मंजिला मस्जिद पांच मंजिला संरचना में कैसे विस्तारित हुई।

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