शुक्ला अपने दल के साथ 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा सफल कर लौटे शुभांशु शुक्ला और उनका दल एक्सिओम-4 अंतरिक्ष यान पृथ्वी पड़ उतरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत की, उन्होए कहा ‘गगणयान की दिशा में एक मिल का पत्थर है।’
स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान को, सफल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से यात्रा करने में 22 घंटे से अधिक का समय लगा, जहां से यह सोमवार शाम को अनडॉक हुआ; एक्सिओम-4 टीम के साथ 18 दिनों तक वहां रही।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य को एक्सिओम-4 मिशन पर ले जा रहा स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान मंगलवार, 15 जुलाई को निर्धारित समय, अपराह्न 3.01 बजे, अमेरिका के कैलिफोर्निया तट पर उतरा।
अंतरिक्ष यान को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपनी यात्रा पूरी करने में लगभग साढ़े 22 घंटे लगे, जहाँ से यह सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम लगभग 4.50 बजे अनडॉक हुआ। टीम वहाँ 18 दिनों तक रही और कम से कम वहाँ, 60 प्रयोग किए।
शुक्ला अपने दल के साथ 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा सफल कर लौटे
नासा ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला द्वारा संचालित एक्स-4 अंतरिक्ष यान — जिसे ‘ग्रेस’ कहा जाता है — ने प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन लैंडिंग की।
उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नावें भेजी गईं और वे समुद्र में एक नौका के ज़रिए भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे से ठीक पहले अंतरिक्ष यान से बाहर निकल आए। उनके शारीरिक स्वास्थ्य और मनोबल का आकलन करने के लिए उनकी चिकित्सा जाँच की गई। हेलीकॉप्टर उन्हें आगे ले जाएँगे और कुछ दिनों तक उन्हें पुनः पृथ्वी की अनुकूलन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जो, अपने अमेरिकी सहयोगी के साथ बुच विल्मोर द्वारा मार्च के महीने में आईएसएस पर नौ महीने के मिशन के बाद की गई लैंडिंग की तरह ही है। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल, का लैंडिग फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर में उतरा था।
शुक्ला अपने दल के साथ 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा सफल कर लौटे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक स्वागत संदेश पोस्ट किया: “मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनके ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौटने पर पूरे देश के साथ स्वागत करता हूँ। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है।”
I join the nation in welcoming Group Captain Shubhanshu Shukla as he returns to Earth from his historic mission to Space. As India’s first astronaut to have visited International Space Station, he has inspired a billion dreams through his dedication, courage and pioneering…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2025
और भी कहा, ” मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन में यह हमारे अपने – गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर की तरह है।”
भारत के ‘गगनयान’ के लिए एक्सिओम-4 का क्या अर्थ है?
कमांडर पैगी व्हिटसन, जो एक्सिओम की एक कर्मचारी और नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री थीं, चालक दल में सबसे वरिष्ठ थीं। शुभांशु तथा तीन साथी की कमांडर पैगी व्हिटसन ही रही।
गैर-अमेरिकी तीन में – भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू – के लिए यह दशकों बाद अपने देशों के लिए मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक था।
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भारत के लिए, इसे गगनयान योजना के तहत 2027 में निर्धारित अपने पहले स्वतंत्र मानवयुक्त मिशन की ओर एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
25 जून को कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित इस मिशन के दौरान, चालक दल ने चिकित्सा, कृषि और निश्चित रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण पर प्रयोग किए। इन सबका सार यह था कि अंतरिक्ष में रहने से भोजन उगाने, जल आपूर्ति के प्रबंधन जैसी चीज़ों पर क्या प्रभाव पड़ता है और यह मानव शरीर पर क्या प्रभाव डालता है।
एलान मस्क की कंपनी के लिए 18वां
एक्सिओम-4, 2020 के बाद से, एलन मस्क की स्पेसएक्स 18वीं मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान थी।
एक्सिओम उन मुट्ठी भर कंपनियों में से एक है जो अपना स्वयं का वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन विकसित कर रही है, जिसका उद्देश्य अंततः आई.एस.एस. का स्थान लेना है, जिसे नासा 2030 के आसपास बंद करने की उम्मीद कर रहा है।
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