Trump ordered to repeal birthright citizenship

डोनाल्ड ट्रम्प जन्मसिद्ध नागरिकता को रद्द करने का आदेश दिया

डोनाल्ड ट्रम्प जन्मसिद्ध नागरिकता को रद्द करने का आदेश दिया इससे भारत की जनता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। 

डोनाल्ड ट्रम्प ने क्या कहा आइए  समझ्रे।जन्मसिद्ध नागरिकता समाप्त करने के डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश का उद्देश्य गैर-नागरिक माता-पिता से जन्मे बच्चों की स्वतः अमेरिकी नागरिकता समाप्त करना है। यहाँ हम बताना चाहेँगे  कि इसका भारत के लोगों पर  पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

 वापस लौट रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड  47वें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगभग चार साल बाद व्हाइट हाउस लौटे उन्होंने सोमवार को कई कार्यकारी आदेशों पर  भी हस्ताक्षर किए। उन्होनें अपनी कार्य काल की शुरुआत की, जिनमें से सबसे प्रमुख था जन्मसिद्ध नागरिकता को रद्द करना। इसने अमेरिका में गैर-नागरिक माता-पिता से पैदा हुए बच्चों की स्वचालित नागरिकता को समाप्त करने की पहल की।

डोनाल्ड ट्रम्प जन्मसिद्ध नागरिकता को रद्द करने का आदेश दिया

एक ब्रीफिंग में सोमवार को ट्रंप के एक अधिकारी ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे संघीय सरकार अवैध विदेशियों के बच्चों के लिए स्वतः जन्मसिद्ध नागरिकता को मान्यता नहीं देगी। हम अवैध विदेशियों की अब जांच और परीक्षण भी तेजी से बढ़ाने जा रहे हैं।”

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने  भाषण में उद्घाटन दौरान कहा, “सभी अवैध प्रवेश अब तुरंत रोक दिए जाएंगे और हम लाखों-करोड़ों अवैध विदेशियों जहाँ से वे आए थे। उनको वापस उनके स्थानों पर भेजने की सिलसिलेबार प्रक्रिया शुरू करेंगे, “

जन्मसिद्ध नागरिकता क्या है? डोनाल्ड ट्रम्प जन्मसिद्ध नागरिकता को रद्द करने का आदेश दिया

जन्मसिद्ध नागरिकता समझे। ..के अनुसार, अमेरिकी सर जमी पर जन्म लेने वाले किसी भी व्यक्ति विशेष को माता-पिता की नागरिकता या आव्रजन स्थिति की कोई परवाह किए बिना स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिकता उनको प्रदान की जाती है। यह विशेष प्रावधान 1868 में अधिनियमित लागू किया गया था और इसे अमेरिका में जन्मे सभी व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन एवं लागू किया गया था।

14वें संशोधन के प्रासंगिक भाग में कहा गया है: “संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति, और उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और उस राज्य के नागरिकता के हैं जहाँ वे जो यहाँ रहते हैं।”

जन्मसिद्ध नागरिकता संविधान के 14वें संशोधन से उत्पन्न होती है, जिसे 1868 में अनुमोदित किया गया था, अमेरिकी गृह युद्ध के समापन के तीन साल बाद जिसने दक्षिणी राज्यों में काले लोगों को गुलामी के जंजीरों में जकड़ने की   प्रथा को समाप्त कर दिया।

और भी पढ़ें: अमेरिका 47वें राष्ट्रपति पद शपथ लेने पर PM मोदी नें बधाई दी

अब ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश के अनुसार, “संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे और उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन न होने वाले व्यक्तियों की श्रेणियों में, संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता का विशेषाधिकार स्वचालित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे व्यक्तियों तक विस्तारित नहीं होता है। कैसे ?

(1) जब उस व्यक्ति की माँ संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से मौजूद थी और पिता उक्त व्यक्ति के जन्म के समय संयुक्त राज्य अमेरिका का नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं था, या

(2) जब उक्त व्यक्ति के जन्म के समय संयुक्त राज्य अमेरिका में उस व्यक्ति की माँ की उपस्थिति वैध लेकिन अस्थायी थी (जैसे, लेकिन केवल इन्हीं तक सीमित नहीं, वीज़ा छूट कार्यक्रम के तत्वावधान में संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करना या

छात्र, कार्य या पर्यटक वीज़ा पर जाना) और पिता उक्त व्यक्ति के जन्म के समय संयुक्त राज्य अमेरिका का नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं था।” सभी कार्यकारी विभागों और एजेंसियों के प्रमुखों को आदेश की तिथि से 30 दिनों के भीतर कार्यान्वयन के संबंध में सार्वजनिक मार्गदर्शन जारी करने के लिए कहा गया है।उनके परिचालन और गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं।

अब आप खुद, समझ सकते हैं कि इससे भारत के नागरिक पर कितना असर पद सकता है। 

Loading spinner
pm-modi-congratulated-president-donald-trump

अमेरिका 47वें राष्ट्रपति पद शपथ लेने पर PM मोदी नें बधाई दी

pm-modi-pays-tribute-to-subhash-chandra-bose

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि