झारखण्ड में 6 नए रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों को मिली हरी झंडी। वंदे भारत जानें कहाँ कहाँ से गुजर सकती है ट्रेन।
झारखण्ड में 6 नए रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों को मिली हरी झंडी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने रांची से 660 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया।झारखण्ड के देवघर जिले में मधुपुर की पास बाईपास और हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की आधारशिला रखना तय हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रांची में झारखंड, ओडिशा, बिहार और यूपी के लिए छह वंदे भारत ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें टाटानगर से ट्रेनों को हरी झंडी दिखानी थी, लेकिन खराब दृश्यता और खराब मौसम की वजह से उनका हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।
झारखण्ड में 6 नए रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों को मिली हरी झंडी
नई ट्रेनें निम्नलिखित रूटों पर चलेंगी: 1. टाटानगर-पटना 2. ब्रह्मपुर-टाटानगर 3. राउरकेला-हावड़ा 4. देवघर-वाराणसी 5. भागलपुर-हावड़ा 6. गया-हावड़ा। पीएम ने कहा, “छह नई वंदे भारत ट्रेनें, 650 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं, कनेक्टिविटी और यात्रा सुविधाओं का विस्तार और पीएमएवाई-जी के तहत हजारों लोगों को पक्का मकान , में इन परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नें झारखंड के लोगों को बधाई दी।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा किसी समय में आधुनिक विकास देश के कुछ शहरों तक ही सीमित था, लेकिन ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दृष्टिकोण ने देश की मानसिकता को बदल दिया है।
उन्होंने कहा, ” आदिवासी तथा दलित और गरीब, हमारे देश की प्राथमिकता हैं। किसान, महिलाएं और युवा हमारी प्राथमिकता हैं… रेल सेवाओं के विस्तार अब पूर्वी भारत से पूरे क्षेत्र का विकास होगा। झारखंड के लिए रेलवे विकास का बजट 7000 करोड़ रुपये है। अगर हम इसकी तुलना 10 साल पहले के बजट से करें तो यह 16 गुना ज़्यादा है।”
प्रधानमंत्री ने 660 करोड़ रुपये की रांची से अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। इनमें देवघर जिले के मधुपुर में हजारीबाग टाउन और बाईपास लाइन कोचिंग डिपो की आधारशिला रखना भी शामिल है।
झारखण्ड में 6 नए रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों को मिली हरी झंडी
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नए रुटों पर चलने वाली ट्रेन प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा जानने के लिए क्लिक करें।
उन्होंने कुरकुरा-कनारूआं लाइन के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित किया, जो बंडामुंडा-रांची एकल लाइन खंड का एक हिस्सा है, तथा उन्होंने रांची, मुरी और चंद्रपुरा स्टेशनों के माध्यम से राउरकेला-गोमोह मार्ग को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
रेल मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि आज छह नई रेलगाड़ियां शामिल होने से वंदे भारत रेलगाड़ियों के बेड़े की संख्या 54 से बढ़कर 60 हो जाएगी, जो प्रतिदिन 120 चक्कर लगाएंगी और 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 280 से अधिक जिलों को सेवाएं देंगी।
झारखण्ड में 6 नए रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों को मिली हरी झंडी
पीएमओ ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, “ये ट्रेनें देवघर (झारखंड) में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में काशी विश्वनाथ मंदिर, कालीघाट, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में बेलूर मठ जैसे तीर्थ स्थलों तक आवागमन का तेज़ साधन प्रदान करके क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी। इसके अलावा, धनबाद में कोयला खान उद्योग, कोलकाता में जूट उद्योग, दुर्गापुर में इस्पात और लोहा संबद्ध उद्योगों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।”
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रेल मंत्रालय ने आगे बताया कि मूल वंदे भारत ट्रेन वंदे भारत 2.0 में विकसित हो गई है, जिसमें तेज गति, कवच सुरक्षा प्रणाली, एंटी-वायरस तकनीक और वाईफाई जैसी उन्नत सुविधाएं शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, “वंदे भारत जैसे एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं की अब शुरुआत हो चुकी है, साथ हु साथ भारतीय रेलवेपूरे देश में यात्रा क्रांति लाने के लिए तैयार है। ये ट्रेनें न केवल ‘मेक इन इंडिया’ पहल की बढावा देगी बल्कि गति, सुरक्षा और सेवा के लिए नए वैश्विक मानक भी स्थापित करती हैं।”