धनतेरस हमेशा से ही दिवाली उत्सव का प्रारंम्भिक प्रतीक है: धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त से लेकर शहर-वार समय और त्योहार का महत्व को समझेंगे।
धनतेरस 2024: धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, हर साल दिवाली से पहले मनाया जाता है। हिंदू इस त्यौहार को धन के देवता भगवान कुबेर, आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि जो प्रथम डॉक्टर के रुप में पूज्य हैं उनके और देवी लक्ष्मी के सम्मान में मनाते हैं।
इस दिन लोग खरीदारी करते हैं जैसे चांदी और सोने की वस्तुएं, बर्तन और झाड़ू खरीदते हैं, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।

धनतेरस 2024 दिवाली उत्सव से पहले धनतेरस का महत्व शुभ मुहूर्त
धनतेरस 2024: धनतेरस कब है?
जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहा है, पूरा बाज़ार सज सज्जा से झूम उठा है। धनतेरस की पुजा में इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त, का काफ़ी प्रभाव पड़ता है।
धनतेरस पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। हर साल, यह कार्तिक (अक्टूबर से नवंबर) महीने में कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन मनाया जाता है। इस साल, यह मंगलवार, 29 अक्टूबर को पड़ रहा है।
धनतेरस 2024: शुभ मुहूर्त और शहरवार धनत्रयोदशी का समय
धनतेरस पूजा मुहूर्त – शाम 7:00 बजे से रात 8:49 बजे तक
पूजा का मुहूर्त एक घंटे 50 मिनट तक रहेगा।
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यम दीपम मंगलवार, 29 अक्टूबर को पड़ता है। प्रदोष काल – शाम 6:12 बजे से रात 8:53 बजे तक वृषभ काल – शाम 7:00 बजे से रात 8:49 बजे तक त्रयोदशी तिथि शुरू – 29 अक्टूबर को सुबह 1:01 बजे त्रयोदशी तिथि समाप्त – 30 अक्टूबर को सुबह 3:45 बजे द्रिक पंचांग के अनुसार, यहां 29 अक्टूबर के लिए शहर-वार धनत्रयोदशी मुहूर्त है।
धनतेरस 2024 दिवाली उत्सव से पहले धनतेरस का महत्व शुभ मुहूर्त
धनतेरस 2024: धनतेरस पर क्या खरीदें? सोना से लेकर चांदी तक, सौभाग्य की पांच वस्तुएँ घर लाएं। ये 5 शुभ चीज और उनके नाम।
धनतेरस 2024: सोने और चांदी के सिक्के और आभूषण जैसी कुछ शुभ वस्तुएं झाड़ू, गोमती चक्र आपके घर में देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर का आशीर्वाद लाती हैं।
धनतेरस 2024: बहुप्रतीक्षित दिवाली का मौसम छा गया है, जो 29 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू होने वाले पांच दिनों के उत्सव की ऊर्जा लेकर आता है। धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, अपने आस पास के सभी बस्तुओं की जितना हो सके सफाई करना चाहिए इससे घर में समृद्धि आने का सहज प्रतिक माना जाता है। भक्त देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि से जुड़े हैं। इस दिन आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि की भी पूजा की जाती है।
धनतेरस को कीमती धातुओं की खरीद के लिए एक शुभ अवसर माना जाता है, क्योंकि देवता सौभाग्य, अच्छी किस्मत और खुशहाली प्रदान करते हैं। इसलिए इस दिन की गई कोई भी खरीदारी न केवल वित्तीय सौभाग्य लाती है, बल्कि व्यापक कल्याण भी लाती है। यहाँ कुछ चीजें दी गई हैं जिन्हें आप खरीद सकते हैं:
सोने और चांदी के सिक्के
धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश अंकित सोने या चांदी के सिक्के सबसे आम खरीदारी में से एक हैं। कीमती धातु के सिक्के सोने के आभूषणों की तुलना में बजट के अनुकूल हैं, जो जेब पर भारी पड़ते हैं। यह खरीदारी शुभ होती है और सिक्कों को पूजा कक्ष में रखा जा सकता है।
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लाभों को प्राप्त करने के लिए धनतेरस पर कीमती आभूषण खरीदने के लिए पूरे साल इंतजार करते हैं। सोने के आभूषण खरीदना अपने आप में एक निवेश है, जो इसे और भी अधिक मूल्यवान बनाता है। शादी जैसे भारतीय समारोहों में सोने के आभूषण अभिन्न अंग हैं, इसलिए कुछ और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, अपनी क्षमता से गहनों की खरीदारी करना चाहिए।
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