Birth anniversary of Netaji Subhash Chandra Bose 23 January 1897 उन्होंने 1920 में भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) की स्थापना की

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती
धर्म से परे थे नेता जी दुर्गा-काली के उपासक थे सुभाष चंद्र बोस, उनकी पत्नी को दार्जिलिंग से भेजी थी विजया की शुभकामना
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था। हर साल 23 जनवरी के दिन सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है.लेकिन नेताजी के आदर्शों को जमीनी स्तर पर पहुंचाना ही उनके प्रति सच्चा सम्मान होगा। आज भी मानव ह्रदय के दिल में एक आदर्श छवि के रूप में विराजते हैं नेताजी
नेता जी सुभाषचंद्र बोस का नाम भारतीय इतिहास में एक अद्वितीय रूप से चमकता हुआ है।
सुभाषचंद्र बोस को ‘नेताजी‘ के नाम से भी जाना जाता है। वे 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक जनपद में जन्मे थे। उनके पिता का नाम जानकीनाथ था और मां का नाम प्रभावती देवी था।
सुभाषचंद्र बोस ने अपनी शिक्षा को कलकत्ता और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। उनकी आत्मा में राष्ट्रभक्ति की भावना बहुत उच्च थी, जिसे वह बचपन से ही महसूस करते थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) की स्थापना की और इसे स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका दी।
सुभाषचंद्र बोस ने 1943 में सिंगापुर में आजाद हिन्द फौज की स्थापना की, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने अपने योजनाओं के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अग्रगामी रूप से काम किया।
नेताजी का मानना था कि “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा”। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए हर संभाव प्रयास किया।
1945 में सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु की अज्ञात जगह और परिस्थितियों के कारण उनकी मौत में कई विवाद हैं। आज भी कुछ लोग इसे गुमनामी में हुई हत्या मानते हैं, जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि वे जीवित हैं और अपने देश में छुपे हुए हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी 1897: सुभाषचंद्र बोस ने अपने योगदान से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नए आयाम और दिशाएँ प्रदान की। उनकी बहादुरी, नेतृत्व और स्वतंत्रता के प्रति अपनी पूरी कड़ी को याद किया जाता है और वे एक अमर राष्ट्रनेता के रूप में माने जाते हैं।
सुभाषचंद्र बोस का जीवन और कार्यक्षेत्र एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। वे एक उदार दर्शन, स्वतंत्रता संग्रामी, और समर्थ नेता थे।
- बचपन और शिक्षा: सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। उनका बचपन कठिनाईयों भरा रहा, क्योंकि उनके पिता की मौत के बाद परिवार को आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो गईं। सुभाष ने कोलकाता और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की।
- भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए): उन्होंने 1920 में भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) की स्थापना की, जो ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करने के लिए बनी थी।
- कैम्ब्रिज और भारतीय सेवा: सुभाष ने कैम्ब्रिज में आत्मकल्याण विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद भारतीय सिविल सेवा (ICS) में चयन हुआ। लेकिन उनकी नेतृत्व और स्वतंत्रता के प्रति आसक्ति के कारण, उन्होंने सिविल सेवा का त्याग करके राष्ट्रीय सेवा में जाने का निर्णय किया।
- नेताजी का रूप: सुभाषचंद्र बोस को नेताजी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने सुभाष चंद्र बोस की सुपरेम कोर्ट में विक्रम से नेताजी बोस के रूप में पहचाना।
- आजाद हिन्द फौज: द्वितीय विश्वयुद्ध के समय, सुभाष बोस ने जर्मनी से मदद प्राप्त करते हुए आजाद हिन्द फौज की स्थापना की, जो ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करने के लिए बनाई गई थी।
- मृत्यु: सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु 1945 में हुई और उनकी मौत के पीछे कई विवाद हैं। कुछ लोग मानते हैं कि उनकी मौत विमोचन के दौरान हुई, जबकि दूसरे कहते हैं कि उनकी मौत गुमनामी में हुई थी।
- स्वतंत्रता के लिए योजनाएँ: सुभाष बोस ने अपनी योजनाओं में भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोण और योजनाएँ बनाईं। उनकी “दिल्ली चलो” के नारे और आजाद हिन्द फौज के साथ उनका संघर्ष भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण हैं।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी 1897 को मनाया जाता है।
सुभाषचंद्र बोस का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है और उन्हें एक अद्भुत नेता के रूप में सम्मानित किया जाता है।
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