hindus-allowed-to-pray-in-gyanvapi-basement

ज्ञानवापी तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने की इजाजत

ज्ञानवापी तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने की इजाजत आज इलाहाबाद हाई, जॉइंट सेक्रेटरीअजुमन इंतजामिया की अपील ख़ारिज, कोर्ट के तरफ से पूजा की प्रकिर्या चलती रहेगी।

ज्ञानवापी तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने की इजाजत आज इलाहाबाद है कोर्ट के तरफ से। ज्ञानवापी मामला: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में चार ‘तहखाने’ (तहखाने) हैं, और उनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के पास है।

नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने में हिंदू प्रार्थनाओं की अनुमति देने के वाराणसी जिला अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी।
वाराणसी जिला अदालत ने 31 जनवरी को फैसला सुनाया था कि एक पुजारी ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में प्रार्थना कर सकता है।

hindus-allowed-to-pray-in-gyanvapi-basement
ज्ञानवापी मामले में लगातार पूजा करने की

शैलेन्द्र कुमार की याचिका पर यह आदेश दिया गया।  जिन्होंने कहा था कि उनके नाना सोमनाथ व्यास ने दिसंबर 1993 तक पूजा-अर्चना की थी,और अचानक बिना किसी लिखित करवाई किए रोक दी गई। श्री पाठक ने अनुरोध किया था कि, एक वंशानुगत पुजारी के रूप में, उन्हें तहखाना में प्रवेश करने और पूजा फिर से शुरू करने की इजाजतदी जाए।मस्जिद के तहखाने में चार ‘तहखाने’ (तहखाने) हैं, और उनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के पास है।

वाराणसी जिला अदालत का आदेश मस्जिद परिसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद आया।

उच्चतम न्यायालय द्वारा वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करने और उसे उच्च न्यायालय जाने के लिए कहने के कुछ ही घंटों के भीतर समिति 2 फरवरी को उच्च न्यायालय चली गई। किन्तु उनकेा अपील को ख़ारिज कर दिया गया। अब मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने के पक्ष में है।

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव कहते हैं, ‘मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है, लेकिन वहां भी उन्हें हार मिलेगी।’

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मदन मोहन यादव ने कहा, “हम (इलाहाबाद एचसी) फैसले से बेहद खुश हैं। वे (मुस्लिम पक्ष) सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं, लेकिन वे वहां भी हारेंगे और हम इस बारे में आश्वस्त हैं।” पक्ष, ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने की अनुमति के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

11:32  26 फरवरी
इलाहाबाद हाई कोर्ट का कहना है, ‘मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश की गई दलीलें कमजोर नजर आती हैं।’

“इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज अपने आदेश का ऑपरेटिव भाग पढ़ा। ऑपरेटिव भाग में कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्क कमजोर प्रतीत होते हैं और जिला न्यायाधीश का आदेश, जिला मजिस्ट्रेट के लिए एक रिसीवर नियुक्त करना और पूजा की अनुमति देना है। जारी रखें, बरकरार रखा जाएगा। अधिवक्ता प्रभाष पांडे ने कहा, अदालत ने प्रथम अपील फॉर्म के आदेश को भी खारिज कर दिया है।

हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन कहते हैं, ‘मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है, लेकिन हम भी विरोध के लिए तैयार हैं।’

हरि शंकर जैन ने कहा, ”कोर्ट, लेकिन हम भी विरोध के लिए तैयार हैं.” “यह स्वागत योग्य निर्णय है। हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखा गया है। हिंदू 1993 तक व्यास तहखाना में पूजा कर रहे थे, लेकिन उन्हें गैरकानूनी तरीके से रोक दिया गया। वे (मुस्लिम पक्ष) सुप्रीम का रुख कर सकते हैं ”

FAQ. अजुमन इंतजामिया क्या है ?

ज्ञानवापी मामला: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में चार ‘तहखाने’ (तहखाने) हैं, और उनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के पास है।

Gyanvapi case: There are four ‘tahkhanas’ (cellars) in the basement of the Gyanvapi  Mosque in Varanasi, and one of them is still held by the Vyas family.

आपको किस विषय पर ख़बर चाहिए। हमें लिख भजे @expressupdate पर क्लिक करें

Loading spinner
PM Modi inaugurates Sudarshan Setu in Dwarka

तीर्थ नगरी द्वारका में PM मोदी का सुदर्शन सेतु लोकार्पण

Asian Paints shares at 10 month low

“बढ़ती प्रतिस्पर्धा” में एशियन पेंट्सकी चिंताजनक दौड़