Ahmedabad plane crash, one passenger survived

अहमदाबाद विमान हादसा जिंदा बचा एक यात्री,चमत्कार से कम नहीं

एयर इंडिया विमान दुर्घटना में सीट 11ए पर सवार यात्री जिन्दा बच गया, किसी चमत्कार से कम नहीं उसने बताया कि उड़ान के 30 सेकंड बाद ही समस्या शुरू हो गई थी

ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुछ दिनों के लिए अपने परिवार से मिलने भारत आए थे और अपने भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ ब्रिटेन वापस जा रहे थे।

अहमदाबाद: एयर इंडिया विमान में सवार लोगों के रिश्तेदार अहमदाबाद के असारवा स्थित सिविल अस्पताल में अपने प्रियजनों की तलाश में बेचैन हैं, वहीं सामान्य वार्ड के एक बिस्तर पर 40 वर्षीय विश्वाश कुमार रमेश लेटे हुए हैं, जिन्होंने बताया कि वे इस घातक दुर्घटना में बच गए थे।

अहमदाबाद विमान हादसा जिंदा बचा एक यात्री,चमत्कार से कम नहीं

विश्वाश, जिनके सीने, आंखों और पैरों पर “झटके से चोटें” आईं, ने मिडिया  को बताया, “उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद तेज आवाज हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह सब बहुत जल्दी हुआ।”

Ahmedabad plane crash, one passenger survived
ब्रिटिश नागरिक विश्वाश ने बताया कि वह और उनके भाई अजय विमान में अलग-अलग पंक्तियों में बैठे थे। ईमेज आभार HT

 एयर इंडिया का विमान जो गैटविक के लिए रवाना हुआ था – बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर – चालक दल सहित 242 के  लोगों  के साथ गुरुवार  दोपहर को 1.38 बजे उड़ान भरने के कुछ ही  मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया तथा देखते ही देखते आग के गोले में बदल गया ।

एयर इंडिया ने जानकारी दी कि, उसमें सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय मूल के नागरिक तथा 53 ब्रिटिश नागरिक, सात ( 7) पुर्तगाली और एक कनाडाई ( 1) मूल के नागरिक थे।

अहमदाबाद विमान हादसा जिंदा बचा एक यात्री,चमत्कार से कम नहीं

हादसे में बचने वाला भाग्यशाली ब्रिटनी नागरिक:

उसने कहा ‘जब मैं उठा तो मेरे चारों तरफ लाशें बिखरी पड़ी थीं। मैं डर गया। मैं खड़ा हुआ और भागा। मेरे चारों तरफ विमान के टुकड़े बिखरे पड़े थे। रमेश विश्वास ने  बताया। एक भाग्यशाली व्यक्ति जो बच गया रेमेश विश्वास है। 
बताया जा रहा है कि ब्रिटिश नागरिक कुछ दिनों के लिए भारत खुद के  परिवार से मिलने आया था और अपने भाई अजय कुमार के साथ जो व्यक्ति घ्याल है रमेश (45) के साथ ब्रिटेन वापस जा रहा था।

विश्वाश, जिनके पास अभी भी उनका बोर्डिंग पास था,उन्होंने बतया की “जब मैं उठा तो मेरे चारों तरफ लाशें पड़ी थीं। मैं डर गया। मैं खड़ा हुआ और भागा। मेरे चारों तरफ विमान के टुकड़े पड़े थे। किसी ने मुझे पकड़ लिया और एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल ले गया।”

विश्वाश ने बताया कि वह 20 साल से लंदन में रह रहे हैं, साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी और बच्चे भी लंदन में ही रहते हैं।

उन्होंने बताया कि उनके भाई अजय विमान में अलग पंक्ति में बैठे थे। उन्होंने कहा, “हम दीव गए थे। वह मेरे साथ यात्रा कर रहे थे और अब मैं उन्हें नहीं ढूंढ पा रहा हूं। कृपया उन्हें ढूंढने में मेरी मदद करें।”

अस्पताल में दूसरी तरफ, एयर इंडिया के विमान में सवार यात्रियों के परिवार और दोस्त अपने परिजनों की तलाश कर रहे थे।

इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के परिवार के सदस्य भी शामिल थे, जो उस विमान में सवार थे। रूपाणी की सहायता करने वाले शैलेश मंडलिया अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री की तलाश कर रहे थे।

विमान में सवार  242 में से 241  लोगों की मौत केवल मात्र 1 व्यक्ति के जिन्दा रहने की खबड़ जिसका नाम रमेश है। गृहमंत्री अमित शाह हॉस्पिटल यात्रियों से मिलने पहुंचे। 

गुजरात के मुख्यमंत्री भी घटना स्थल पर पहुंचे। भारत के लिए दर्दनाक हादसे का जिम्मेवार कौन होगा ? इस हादसे में पूर्व मंत्री विजय रुपानी की मृत्यु हो गई। घायलों का ईलाज सिविल हॉस्पिटल में हो रहा है। DNA सैंपल के माध्यम से सभी परिजन अपने अपनों की तलाश में जुटे हुए हैं। 

 

 

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