Congress announces nationwide protest on August 22

कांग्रेस ने 22अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: कांग्रेस ने सेबी प्रमुख के इस्तीफे की माँग की और जेपीसी जांच के लिए 22 अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।

Congress announces nationwide protest on August 22
कांग्रेस ने 22 अगस्त को सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे और अडानी मामले में सांठगांठ के आरोपों के बाद जेपीसी जांच की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की।

कांग्रेस ने 22अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की, जेपीसी जांच की मांग

सारांश: कांग्रेस ने 22 अगस्त को सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे और अडानी मामले में सांठगांठ के आरोपों के बाद जेपीसी जांच की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गहन जांच और छोटे निवेशकों के पैसे की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी सरकार से सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगने और जेपीसी बनाने का आग्रह किया गया। आरोपों ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है, जिसमें भाजपा ने विपक्ष पर वित्तीय अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया है।

हिंडनबर्ग के बढ़ते विवाद के बीच आरोपों पर कांग्रेस ने मंगलवार को  22 अगस्त को विरोध की घोषणा की कि वह को सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे और अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां सभी महासचिवों, राज्य इकाई प्रमुखों और एआईसीसी के राज्य प्रभारियों के साथ बैठक की, जिसके बाद पार्टी ने चुनावी तैयारियों की शुरुआत की।

कांग्रेस ने 22अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की, निवेशकों के पैसे की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।

आगामी विधानसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक मामलों और चुनाव की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में मल्लिकार्जुन ने कहा, “सेबी और अडानी के बीच सीक्रेट सांठगांठ के चौंकाने वाले खुलासे की गहन जांच की जरूरत है। शेयर बाजार में छोटे निवेशकों के पैसे को खतरे में आने की आशंका जताई है।”

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कॉग्रेस के खड़गे नें कहा कि मोदी सरकार को तुरंत सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगना चाहिए और इस परिपेक्ष में जेपीसी का गठन करना भी जरूरी है। बैठक के बारे में पत्रकारों खुद वेणुगोपाल ने को जानकारी देते हुए कहा कि बैठक सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पार्टी 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन करेगी और सेबी प्रमुख के इस्तीफे तथा अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग करेगी।

इस तरह  गंभीर आरोप हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त लगाया कि सेबी प्रमुख की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास और अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। आरोपों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें कांग्रेस और अन्य भारतीय ब्लॉक पार्टियों ने उन्हें हटाने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की है, जिसके लिए समय 22 अगस्त के पहले की दी हुए है, जबकि भाजपा ने विपक्ष पर भारत में वित्तीय अस्थिरता और अराजकता पैदा करने  वाला गंभीर  साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को तुरंत सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगना चाहिए और इस संबंध में जेपीसी का गठन करना चाहिए। बैठक के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पार्टी 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन करेगी और सेबी प्रमुख के इस्तीफे तथा अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग करेगी।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास कथित अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। आरोपों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें कांग्रेस और अन्य भारतीय ब्लॉक पार्टियों ने उन्हें हटाने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की है, जबकि भाजपा ने विपक्ष पर भारत में वित्तीय अस्थिरता और अराजकता पैदा करने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है।

बुच और उनके पति ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है और आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च पूंजी बाजार नियामक सेबी की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है और “भारत में उल्लंघनों” के लिए दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बजाय इसके प्रमुख का चरित्र हनन करने का प्रयास कर रही है।

सेबी ने कहा कि अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की “उचित जांच” की गई है और इसकी अध्यक्ष ने समय-समय पर “संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग भी रखा है।” अडानी समूह ने आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं के हेरफेर पर आधारित बताया। कंपनी ने कहा कि उसका सेबी अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।

माधवी पुरी और उनके पति ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है. दूसरे आर्टिकल में देख सकते हैं, आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च पूंजी बाजार नियामक सेबी की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है जो ठीक नहीं है  “भारत में उल्लंघनों” के लिए दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बजाय इसके प्रमुख का चरित्र हनन करने का प्रयास कर रही है।

सेबी का कहना है, कि अडानी समूह आरोपो के खिलाफ “उचित जांच” की गई है और इसकी अध्यक्ष ने समय-समय पर मामले को क्लियर भी किया गया “संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग भी रखा है।” अडानी समूह ने आरोपों कोकंदन किया है। कंपनी ने कहा कि उसका सेबी अध्यक्ष और उनके पति सभी कार्यों से अलग है साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।

और पढ़ें: अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के नवीनतम आरोप का जवाब दिया

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