पीएम मोदी “शुभांशु शुक्ला 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं को के साथ लेकर चल रहे हैं” अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं।
पीएम मोदी शुक्ला1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं के साथ उनकी इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षााओं को लेकर आए हैं। आज दोपहर भारतीय अंतरिक्ष यात्री के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होने के साथ ही भारत एक नवीन सपनों के तरफ अपने पहचान साधने चला। स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट ने चार क्रू ड्रैगन कैप्सूल के साथ फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से दोपहर 12:05 बजे (आईएसटी) उड़ान भरी।
पीएम मोदी शुक्ला1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं के साथ चलें।

प्रधानमंत्री मोदी ने पने पोस्ट में कहा, “हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वह अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर आए हैं।”
पीएम मोदी शुक्ला1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं के साथ चलें।
We welcome the successful launch of the Space Mission carrying astronauts from India, Hungary, Poland and the US.
The Indian Astronaut, Group Captain Shubhanshu Shukla is on the way to become the first Indian to go to International Space Station. He carries with him the wishes,…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष यान के पायलट ग्रुप कैप्टन शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों, को भी शुभकामनांए दी। अमेरिका की मिशन कमांडर डॉ. पैगी व्हिटसन और पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू को भी सफलता की शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने भी कहा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारत के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। पूरा देश एक भारतीय की सितारों की यात्रा पर उत्साहित और गौरवान्वित है। वह और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री यह साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है – ‘वसुधैव कुटुम्बकम’।”
उन्होंने कहा कि चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाओं को जन्म देंगे।
एक्सिओम-4 मिशन ह्यूस्टन स्थित एक्सिओम स्पेस और नासा के बीच एक वाणिज्यिक उपक्रम है। अपने 14 दिवसीय मिशन के दौरान, अंतरिक्ष यात्री 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से सात भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं।
राकेश शर्मा की 1984 की उपलब्धि के 40 वर्ष बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुक्ला,बन गए हैं, अंतरिक्ष से पृथ्वी तक संपर्क कार्यक्रम में भी भाग लेंगे और संभवतः अंतरिक्ष से किसी विशिष्ट व्यक्ति से बातचीत भी करेंगे।
जय हिंद, जय भारत।” के साथ नारा देने वाले मिशन आकाश गंगा के नाम से मशहूर इस मिशन ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान का मार्ग प्रशस्त किया है। सफल प्रक्षेपण के बाद ही कक्षा से अपने पहले संदेश में ग्रुप कैप्टन ने कहा, “यह भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय शुभांशु शुक्ला, एक्सिओम-4 मिशन पर आई.एस.एस. रवाना हुए।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में कहा, “मैं अपने साथ सिर्फ यंत्र और उपकरण ही नहीं, बल्कि एक अरब दिलों की उम्मीदें और सपने लेकर जा रहा हूं।”
नई दिल्ली:
भारत ने अंतरिक्ष में अपनी छलांग लगा ली है। भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर सफल उड़ान के तरफ हैं, जो फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से फाल्कन 9 रॉकेट पर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ। यह वही लॉन्चपैड है, जहां से नील आर्मस्ट्रांग ने 1969 में अपोलो 11 पर सवार होकर चांद के लिए उड़ान भरी थी।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। इससे चार दशक पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी। भारतीय वायुसेना के पायलट को स्वस्थ रहने के लिए एक महीने से अधिक समय तक क्वारंटीन में रखा गया है।
इस मिशन के पायलट ग्रुप कैप्टन शुक्ला के अलावा, पोलैंड के विशेषज्ञ स्लावोस्ज़ उज़नांस्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू तथा अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिटसन अंतरिक्ष यान पर सवार हैं।
पखवाड़े भर के इस मिशन के दौरान वे 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से सात भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं।
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मौसम और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण एक्सिओम-4 का प्रक्षेपण कई बार विलंबित हुआ। नासा ने 25 जून को छठी तारीख की घोषणा थ, जो अब सफल हो चूका है।
अपनी ऐतिहासिक यात्रा से कुछ घंटे पहले ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अपने परिवार को संदेश भेजा: “बस मेरा इंतज़ार करो, मैं आ रहा हूँ।”
एक्सिओम-4 का चालक दल लगभग 28 घंटे की कक्षीय यात्रा के बाद कल शाम 4.30 बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेगा।
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