Wakf Amendment Bill passed after long debate

लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया

लोकसभा में घंटों लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया।

लोकसभा में वक्फ सम्बन्धित (संशोधन) विधेयक को को लेकर लंम्बे समय से खींचातानी चल रही थी इस बीच गुरुवार, 2 अप्रैल को सुबह 12 घंटे की लंबी बहस के बाद इसे अब पारित कर दिया गया।  जिसमें 288 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 232 ने इसके खिलाफ मतदान किया।

घंटों चली बहस में सत्तारूढ़ एनडीए ने इस विधेयक को अल्पसंख्यकों के लिए फायदेमंद बताया, जबकि विपक्ष ने इसे “मुस्लिम विरोधी” करार दिया । विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए सभी संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज किए जाने के बाद विधेयक पारित हो गया।

लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया

बहस का जवाब को साधते हुए  केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने इस मामले पड़ कहा कि, अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से अधिक सुरक्षित स्थान कोई  और कहि भी नहीं है और वे सुरक्षित इसलिए हैं क्योंकि यहां का बहुसंख्यक पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है।

विधेयक अब राज्यसभा में जाएगा, जहां इस पर एक और लंबी बहस हो सकती है।  समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसके लिए आठ घंटे का समय आवंटित किया गया है।

संशोधित विधेयक सरकार द्वारा संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद लाया गया था, जिसने पिछले साल अगस्त में पेश किए गए कानून की जांच की थी। मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी लोकसभा में पारित हो चुका है। लोकसभा में इस पर करीब 12 घंटे तक बहस भी चली थी। 

किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधाते हुए खा कि: 
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बहस के जवाब में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विधेयक पारित होने के बाद मुस्लिम समुदाय के गरीब लोग प्रधानमंत्री को आने वाले समय में धन्यवाद देंगे। 

उन्होंने कहा, “करोड़ों गरीब मुसलमान इस विधेयक के पारित होने पर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देंगे।”

रिजिजू ने  सदस्यों विपक्षी दल की इस आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि विधेयक “मुस्लिम विरोधी” है और भी कहा कि गृह मंत्री के द्वारा सभी मुद्दों पर विशेष अच्छी तरह से स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद भी  कुछ सदस्य सच्चाई को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।

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इस विधेयक में 1995 के अधिनियम में संशोधन करने का प्रावधान है। इस विधेयक का उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना है। इसका उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता को बढ़ाना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका को बढ़ाना है।

 

 

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